जशपुर । बजट पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय एवं सांसद गोमती साय के बयान पर संसदीय सचिव यूडी मिंज ने प्रतिक्रिया व्यक्ति की है । उन्होंने कहा कि बजट को समझने की आवश्यकता है । बिना देखे पढ़े अनावश्यक बयानबाजी सही नहीं है। रायगढ सांसद श्रीमती गोमती साय एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को अगर बजट इतना ही समझ में आता है तो तो वे जरूर प्रधानमंत्री से बात करते कि केंद्र का बजट किस स्तर का रहा यह देश वासियों ने बता दिया है। रही बात राज्य सरकार की तो यह बजट किसी भी मामले में सर्वोत्तम बजट है जिसकी सराहना हुई है। उन्होंने कहा कि जो सरकार हमेशा गाय की राजनीति करती थी आज हमारी सरकार ने गोधन न्याय योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गोबर खरीद कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है । इसके एक नहीं अनेकों उदाहरण देखने को मिल रहे हैं कि पशुपालक किसान समृद्ध हो रहा है और सरकार की सराहना कर रहा है तारीफ कर रहा है। हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच ही गांधीवादी है गांधी जी की सोच से प्रभावित हमारे मुख्यमंत्री ने उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि दी और यह बजट उन्हें समर्पित किया। बजट भाषण में
मुख्यमंत्री ने यह कहकर शुरुआत की “”रास्ते की अड़चनों से, हम कभी डरते नहीं।
बात हो जब न्याय की, पीछे कभी हटते नहीं।।””*
जो कि यह प्रदर्शित करता है और बजट में सभी वर्गों के साथ न्याय की कोशिश की गई है। प्रदेश के किसान,पशुपालक, मत्स्य पालक ,गरीब ,युवाओं, ग्रामीणों,बेरोजगारों, छात्र छात्राओं, महिलाओं, बच्चों, आदिवासी, पिछड़े पत्रकार भाइयों सभी के लिए न्याय किया गया है।
संसदीय सचिव यू.डी. मिंज ने बताया कि सोशल मीडिया में छत्तीसगढ़ बजट 2021दिन भर छाया रहा और देखते ही देखते भारत भर में एक नम्बर पर ट्रेंड करने लगा (#सीजीबजट 2021) यह पढ़े लिखे लोगों की प्रतिक्रिया है । सांसद और प्रदेश अध्यक्ष को प्रतिक्रिया देने के पूर्व एक बार अपने सलाहकारों से सलाह कर लेना चाहिए । बिना देखे पढ़े बयान देने.से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में देश के 92 लाख लोगों ने इन ट्वीट्स को किसी न किसी माध्यम से देखा और लोक कल्याणकारी बजट को लोगों ने जमकर सराहा।संसदीय सचिव ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में अपनी सरकार का तीसरा बजट प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जैसे ही बजट भाषण देना शुरू किया वैसे ही सोशल मीडिया में छत्तीसगढ़ बजट 2021 तेजी से ट्रेंड करने लगा। देखते ही देखते सीजीबजट 2021 सोशल मीडिया में एक नम्बर पर देशभर में ट्रेंड करने लगा और छत्तीसगढ़ राज्य के लोक कल्याणकारी बजट की चर्चा होती रही। छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने तथा ग्रामीणों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के प्रावधान के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तीन नये मेडिकल कॉलेजोें के लिए बजट में प्रावधान किए जाने को लोगों ने सराहा है। सोशल मीडिया में छत्तीसगढ़ राज्य में अधोसंरचना के विकास, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क एवं पुल-पुलियां के निर्माण, अंग्रेजी माध्यम शिक्षा के लिए 119 नये अंग्रेजी स्कूल खोलने तथा उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए 10 नवीन महाविद्यालय खोलने की घोषणा का लोगों ने स्वागत किया है। राज्य में खेती किसानी और किसानों को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से बजट में बड़ी राशि का प्रावधान गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद 5.12 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। राष्ट्रीय स्तर पर 4.2 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में राज्य की वृद्धि दर 1 प्रतिशत अधिक है।वर्ष 2020-21 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 4.61 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में (-)5.28 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इस प्रकार कृषि, औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.4 प्रतिशत, (-)9.6 प्रतिशत एवं (-)8.8 प्रतिशत की तुलना में काफी संतोषजनक है।प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद पिछले वर्ष की तुलना में 1.54 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर (-)7.7 प्रतिशत की कमी की तुलना में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में यह वृद्धि राज्य के आर्थिक विकास का सुखद संकेत है। बजट में समग्र विकास का ध्यान रखा गया है। इस समग्र विकास का लाभ हमारे किसानों को, श्रमिकों को, वनवासी भाईयों को, माताओं और बच्चों को समान रूप से प्राप्त होगा । विकास की इस अवधारणा में बड़े नगरों का आधुनिकीकरण के साथ-साथ सूदूर दुर्गम क्षेत्र के गांवों में भी बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएँगी। विकास की इस प्रक्रिया में सुशासन की स्थापना के लिये आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग कोे प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही अपनी संस्कृति और परम्पराओं का संरक्षण कर उन्हें चिरंजीवी रखने के लिये भी पूर्ण प्रयास करते हैं।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर हमनें कास्त लागत को कम करने का प्रयास किया है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश एवं फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय , कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये सौर सुजला योजना ,
किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण
फसल बीमा योजना मे कृषक समग्र विकास योजना में कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं निःशुल्क वितरण , उद्यानिकी फसलों के लिए बजट का प्रावधान रखा गया है।