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गरीब आदिवासियों का प्रधानमंत्री आवास में फर्जी जियो टैगिंग कर 72 अपूर्ण आवासों की निकाल ली पूरी राशि , प्रधानमंत्री योजना में आवास मित्र का फर्जीवाड़ा, हो रही जांच

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कोरबा । हर गरीब और कच्चे मकान व झोपड़ी में रहने वालों को पक्की छत देने की प्रधानमंत्री आवास जैसी अति महत्वपूर्ण योजना को उनके द्वारा ही पलीता लगाया जा रहा है, जिन पर इसके क्रियान्वयन की प्रारंभिक व मैदानी जिम्मेदारी है। आवास मित्र के द्वारा 72 हितग्राहियों के अपूर्ण आवासों को जियो टैगिंग में पूर्ण दर्शाकर पूरी राशि का आहरण कर लिया गया है। फर्जी जियो टैगिंग और आवास योजना में फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही कार्यवाही के भी संकेत हैं। मामला कोरबा जनपद पंचायत के अंतर्गत दूरस्थ वनांचल ग्राम श्यांग, सिमकेंदा व सोल्वा में सामने आया है। ग्राम श्यांग के 46 हितग्राहियों, सिमकेंदा के 23 व सोलवा पंचायत के 3 हितग्राहियों के नाम वर्ष 2016 से 2019 के मध्य प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत स्वीकृत किए गए। इन आवासों के निर्माण हेतु आवास मित्र चंद्रशेखर को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आवास योजना के लिए प्रथम किश्त 2 से 4 लाख रुपए जारी किए गए। इसके पश्चात इन सभी आवासों को वर्ष 2018 व 2019 में पूर्ण करना आवास मित्र के द्वारा बताया गया। आवास पूर्ण होने की अवधि को दर्शाते हुए एमआईएस के अनुसार आवास की स्थिति पूर्ण बताई गई। चूंकि शासन के द्वारा योजना में सामने आई गड़बडिय़ों और अनियमितताओं के मद्देनजर इसकी जियो टैगिंग का कार्य कराया गया लेकिन जियो टैगिंग में भी फर्जीवाड़ा का रास्ता ढूंढ लिया गया। आवास मित्र चंद्रशेखर ने फर्जी जियो टैगिंग करते हुए सभी 72 आवासों को पूर्ण बताया और इस आधार पर संपूर्ण राशि का आहरण कर लिया। 1 लाख 20 हजार रुपए शासन की ओर से निर्धारित राशि के मान से 72 आवासों का 86 लाख 40 हजार रुपए होता है जिनमें से अधिकांश रकम को वह गबन कर लिया।

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