जशपुर । कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से संसदीय सचिव एवं कुनकुरी विधायक यूडी मिंज एवं कृषि विशेषज्ञ अरविंद साय ने चर्चा की। इस वर्चुअल बैठक में क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी, सहायक पशुचिकित्सा अधिकारी, मत्स्य अधिकारी, उद्यान अधिकारी बैठक में शामिल हुए। कोविड-19 के संक्रमण में किसानों की चुनौतियों और उनके समाधान के लिए चर्चा की गई । जिसमें कुनकुरी और फरसाबहार के अधिकारी शामिल हुए।
इस वर्चुअल बैठक मे वर्तमान में गौठानों की स्थिति, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं विक्रय,पानी की उपलब्धता एवं अन्य क्रियाकलाप पर चर्चा,कृषि में आगामी फसल की तैयारी,लक्ष्य एवं प्रशिक्षण, धान,मक्का, तिलहन, दलहन इत्यादि,विभाग के योजनाओं पर चर्चा – सोलर, स्प्रिंकलर इत्यादि के विषय मे चर्चा की गई। उद्यानिकी के क्षेत्र में आगामी फसल की तैयारी, लक्ष्य एवं प्रशिक्षण – टमाटर, बैगन, मिर्च, भिंडी , गोभी इत्यादि,फलोद्यान नर्सरी की तैयारियों के सम्बन्ध में तथा विभाग के योजनाओं पर चर्चा की गई । इसी प्रकार मत्स्य कृषकों हेतु बीज की उपलब्धता एवम वितरण सम्बन्धी,आधुनिक एवम उन्नत मत्स्य पालन हेतु किसानों का प्रशिक्षण सम्बन्धी चर्चा की गई । पंचायतवार शासकीय तालाबों अथवा डबरियों पर मत्स्य पालन हेतु विशेष प्लानिंग, पशुपालन में प्रति किसान दुग्ध उत्पादन में बढोतरी , बकरीपालन, कड़कनाथ पालन, बत्तख पालन का लक्ष्य एवं तैयारी ,वर्तमान में चल रहे अन्य क्रियाकलापों पर चर्चा, खाद बीज की उपलब्धता के विषय मे विस्तार से चर्चा की गई ।
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा कि कृषि उद्यानिकी के क्षेत्र में किसानों को मजबूत करना है उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए कार्य करना है । चर्चा कर आगमी फसलों के उत्पादन के लिए प्लानिंग करना है । हमारा उद्देश्य है कि हमारे किसान समृद्ध हो और लाभदायक फसलों का उत्पादन करे। गौ पालक दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काम करेंगे इसके लिए विभगीय अधिकारियों का सहयोग प्राप्त करें।
कृषि विशेषज्ञ अरविंद साय ने कहा कि विभागीय फलोउद्यान के लक्ष्य निर्धारित कर उद्यानिकी फसलों को बढ़वा देने के लिए कार्य करना है। आगामी फसल के तैयारी के सम्बंध में चर्चा की गई। कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से 250 किसानों को वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है जिसमे धान मक्के की खेती उद्यानिकी में टमाटर और मिर्च आदि के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोशिश की जाए कि हर पंचायत से एक दो लोग शामिल हो। मत्स्यपालन के लोगों को प्रोत्साहित करना है।