जशपुर । कलेक्टर महादेव कावरे ने आज नगरीय क्षेत्र के भागलपुर स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में एकीकृत बाल विकास परियोजना जशपुर के द्वारा आयोजित वजन त्यौहार का निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों का लिए जा रहे वजन, के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई मापन का अवलोकन किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के सीईओ के.एस.मण्डावी, एसडीएम सुश्री ज्योति बबली कुजूर, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री कावरे ने वजन त्यौहार में आए सभी शिशुवती माताओं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्धारित अवधि में बच्चों का वजन, ऊचाई का माप करने के कहा । उन्होंने कहा कि सभी बच्चों का अलग-अलग ग्रोथ चार्ट बनाकर रजिस्टर का संधारण करें। साथ ही उन्होंने बच्चों को पोषण पर भी विशेष ध्यान देने की बात ही। उन्होंने कहा कि बच्चों को पोषण आहार नियमित दिए जाए जिससे उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में बढोत्तरी हो। इस दौरान कलेक्टर ने केन्द्र में 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे हीमोग्लोबिन टेस्ट, बीएमआई का अवलोकन किया। उन्होंने सभी किशोरी बालिकाओं का अनिवार्य रूप से बीएमआई एवं हीमोग्लोबिन टेस्ट करने के निर्देश दिए। जिससे की किशोरियों में एनीमिया का स्तर पता कर उसके नियंत्रण में मदद मिल सके। वजन त्यौहार के अवसर पर केन्द्र में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सेल्फी जोन भी बनाया गया है। जहां वजन के उपरांत बच्चों का फोटो लिया जा रहा है। इस दौरान कलेक्टर ने सभी बच्चों को टाॅफी देकर वजन कराने के लिए प्रोत्साहित किया। वजन त्यौहार में स्थानीय जनप्रतिनिधि और समुदाय भी अपनी सक्रिय सहभागिता निभा रहे है।
उल्लेखनीय है कि 0 से 5 वर्ष आयु के बच्चों में पोषण स्तर के आंकलन के लिए कल 07 जुलाई से 16 जुलाई तक जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। जिले के सभी 4305 संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों का वजन किया जाएगा। वजन त्यौहार में केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इलेेक्ट्रॉनिक मशीन से बच्चों का वजन लिया जा रहा है। वजन त्यौहार में बच्चों का वजन लेने के बाद उसे ऑनलाईन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पोषण स्तर ज्ञात किया जाता है। कुपोषण का निर्धारण उसके तीन मापदण्डों अल्प वजन, बौनापन और दुर्बलता के आधार पर किया जाता है। इसलिए वजन त्यौहार में आयु, वजन के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई भी मापी जाती है। हर साल प्रत्येक बच्चे की जानकारी सॉफ्टवेयर में दर्ज हो जाने से राज्य में कुपोषित बच्चों की स्थिति का डाटाबेस तैयार हो जाता है। इससे कुपोषण कम करने की कार्ययोजना बनाने में मदद मिलती है। इस वर्ष कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए उसके सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है।