रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित होने वाली ‘‘लोकवाणी‘‘ की 19वीं कड़ी में बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में भरपूर विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। यही वजह है कि प्रदेश में ढाई वर्ष में विकास का एक नया स्वरूप नजर आ रहा है। यहां हर छत्तीसगढ़िया के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने का कार्य हो रहा है। इस तरह ‘‘ये बात है अभिमान की, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की‘‘ के महत्वपूर्ण संकल्प के साथ हम ‘‘नवा छत्तीसगढ़‘‘ गढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज लोकवाणी में ‘‘विकास का नया दौर‘‘ विषय पर प्रदेशवासियों से बात-चीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पुरखों से लेकर नई पीढ़ी तक सबका भरपूर उत्साह है। यह खुशी की बात है कि इसे पूरा करने और उनके सपनों में रंग भरने का अवसर हमें मिला है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात वहां से शुरू करना चाहता हूं, जहां से हमारे पुरखों डॉ. खूबचंद बघेल, पंडित सुन्दर लाल शर्मा, बैरिस्टर छेदीलाल, मिनीमाता, चंदूलाल चंद्राकर, पवन दीवान, डॉ. टुमन लाल, बिसाहू दास महंत, डॉ. राधा बाई, बी.आर. यादव, ठाकुर प्यारे लाल सिंह जैसे अनेक हमारे नेताओं ने, समाज सुधारकों ने, राजनेताओं ने, साहित्यकारों और कलाकारों ने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य का सपना देखा था, इसके लिए संघर्ष किया था। वास्तव में यह भारत के नक्शे में सिर्फ एक अलग राज्य के रूप में एक भौगोलिक क्षेत्र की मांग नहीं थी, बल्कि इसके पीछे सदियों की पीड़ा थी। ये छत्तीसगढ़िया सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने की मांग थी। राज्य में हमारी सरकार द्वारा इसे पूरा करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न वर्गों और शैक्षणिक स्तर के लोगों के रोजगार के व्यापक प्रबंध किए जाने के कारण प्रदेश में बेरोजगारी दर ढाई वर्षों में 22 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत पर आ गई है, जो राज्य के विकास के विभिन्न प्रयासों की सार्थकता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने सरकार में आते ही सबसे पहले शिक्षकों को सम्मान दिलाने का अभियान शुरू किया। क्योंकि जिस समाज में शिक्षक-शिक्षिकाओं का सम्मान होता है। उसी समाज में नए ज्ञान के अंकुर फूटते हैं, सबसे पहले तो अपना वादा निभाया और 26 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया, जिससे उन्हें नियमित वेतनमान, पदोन्नति, स्थानांतरण जैसी तमाम सुविधाएं मिलने लगीं। अभी तक प्रदेश में 2 हजार 800 व्याख्याताओं की भर्ती का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने ज्वाइन भी कर लिया है। 10 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों तथा सहायक शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के बच्चों को छात्रवृत्ति तथा भोजन सहाय राशि में वृद्धि की गई। देश में पहली बार शिक्षा के अधिकार के तहत 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में सूरजपुर जिले के बरखापाली से चांदनी राजवाड़े, बस्तर जिले के मोंगरापाल से श्री अमन लहरे, मदनपुर-कवर्धा से श्री कृष्ण कुमार साहू, रायगढ़ जिले के ग्राम रेड़ा से श्री देवराम, रायपुर से श्री बृजमोहन अग्रवाल, ग्राम कटगो से शिमला मेरावी, रायपुर से अपूर्वा शर्मा तथा सरपंच सरोरा-रायपुर से श्री बिहारी राम वर्मा के सवालों का जवाब देते हुए उनसे प्राप्त सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।