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आदिम जाति कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालय के प्राचार्य एवं शासकीय तथा अशासकीय छात्रावास-आश्रम अधीक्षकों की जिला स्तरीय बैठक संपन्न, बैठक में विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों को शत् प्रतिशत प्रवेश दिए जाने एवं वृक्षारोपण में नीबू, मुनगा/मुनगी अनिवार्य रूप से रोपण के निर्देश

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जशपुर । आज आदिम जाति कल्याण विभाग के उप-आयुक्त बी.के. राजपूत की अध्यक्षता में विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय के प्राचार्यो एवं शासकीय तथा अशासकीय छात्रावास-आश्रमों के अधीक्षकों की जिला स्तरीय बैठक स्वामी आत्मानन्द हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय के सभागार में आयोजित की गई।
नवीन शैक्षणिक सत्र् 2022-23 में विभागीय आवासीय विद्यालयों/ छात्रावास-आश्रमों के सुचारू रूप से संचालन तथा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा प्रवेश लेने वाले शत् प्रतिशत छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशो के पालन करने, शासकीय/ अशासकीय, प्री.मैट्रिक/पोस्ट मैट्रिक छात्रावास-आश्रमों में नवीनीकरण/नवीन प्रवेश की अनुमानित संख्या के आधार पर स्वीकृत, भरे एवं रिक्त सीटों की जानकारी ली गई। जिला मुख्यालय एवं प्रत्येक विकास खण्ड मुख्यालय में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में दूरस्थ ग्रामों से प्रवेशित अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति संवर्ग के छात्र-छात्राओं को विभागीय छात्रावासों में नवीन प्रवेश की कक्षावार, जाति संवर्गवार अनुमानित संख्या की जानकारी ली गई। नवीन प्रवेश के मामले में रिक्त सीटों पर प्राथमिक क्रम में विषेष पिछड़ी जनजाति ‘‘पहाड़ी कोरवा’’ एवं ‘‘बिरहोर’’ जनजाति के बच्चों को चयन प्रक्रिया का पालन किये बिना सीधे प्रवेश लेने के निर्देश दिए गए।
विभागीय आवासीय विद्यालय/छात्रावास-आश्रमों में, बन्द पड़े बोरवेल, अनुपयोगी कुंआ एवं अन्य तरह के गड्ढ़ों को बन्द करने का प्रमाण पत्र लिया गया। विभागीय संस्थाओं में अभिलेख अद्यतन करने के निर्देश दिए गए। सभी छात्रावास-आश्रमों में वृहद रूप से वृक्षारोपण के निर्देश दिए गये। वृक्षारोपण में नीबू एवं मुनगा/मुनगी के पौधे विषेश रूप से लगाने पर जोर दिया गया। परिसर, बाउण्ड्रीवाल एवं पानी की उपलब्धता के आधार पर किचन गार्डन भी विकसित करने कहा गया।
प्रशासन द्वारा किये जा रहे पहल ‘‘एनीमिया मुक्त जशपुर’’ कार्यक्रम में जिले के सभी कन्या छात्रावास-आश्रम की अधीक्षिकाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। बालिकाओं के छात्रावास-आश्रमों में प्रवेश लेने के उपरान्त एनीमिया जाँच कराकर आवश्यक औषधी के सेवन करने के निर्देश दिए गए।
वर्षाकाल के जल को संरक्षित कर, भू-गर्भ में जल संवर्धन की दृष्टिकोण से, विभागीय आवासीय विद्यालय, छात्रावास-आश्रम के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना के निर्देश दिए गए। बालिका सुरक्षा की दृष्टि से सभी बालिका आवासीय विद्यालयों/ छात्रावास-आश्रमों में महिला होमगार्ड की उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा सी.सी.टी.व्ही. कैमरा की स्थापना/पूर्व से लगाये गये कैमरे चालू हालत में होने की जानकारी ली गई। अधीक्षकों को छात्रावास-आश्रम मुख्यालय/परिसर में निवास सुनिश्चि करने के निर्देश दिए गए।
नवीन शैक्षणिक सत्र् 2022-23 में, छात्रावास-आश्रमों के मेस संचालन के लिए, आवश्यक कच्ची सामग्रियों (चावल एवं रसोई गैस को छोड़कर) की आपूर्ति/क्रय महिला स्व-सहायता समूह, सी-मार्ट, रूरल इस्ट्रीयल पार्क (गोठानों में निर्मित सामग्री) से क्रय करने के निर्देश दिए गए, यह व्यवस्था अशासकीय छात्रावास-आश्रमों में भी लागू होगी।
आवासीय विद्यालयों/छात्रावास-आश्रमों में अनुपयोगी पड़ी सामग्रियों के निवारण यथा स्थिति-मरम्मत, नीलामी एवं नष्ट करने की नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर 15 जुलाई तक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
सभी छात्रावास-आश्रमों में आरक्षित वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं को शत् प्रतिशत जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में गोपेश मनहर, सहायक संचालक, विभागीय अनुविभागीय अधिकारी, उप-अभियंता, मण्डल संयोजक, कार्यालय सहायक आयुक्त के अधिकारी कर्मचारी एवं आवासीय विद्यालयों के प्राचार्य के अलावा सभी शासकीय, अशासकीय छात्रावास-आश्रम के अधीक्षक उपस्थित रहे।

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