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शाला भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए स्वीकृत किए 500 करोड़ रुपए, वर्षा ऋतु समाप्त होते ही शालाओं की मरम्मत का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश, सही समय पर मरम्मत नहीं होने से शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल तपकरा का भवन ढहा

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रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के विभिन्न शाला भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। उन्होंने मुख्य सचिव को ‘सभी शालाओं में निर्विघ्न पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए वर्षा ऋतु समाप्त होते ही शाला भवनों की मरम्मत का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील के ग्राम पंचायत तपकरा मे वर्ष 1962 से हायरसेकेण्डरी स्कूल संचालित हो रहा है, काफी समय से भवन जर्जर स्थिति मे था भवन के मरम्मत की आवश्यकता थी लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया अंततः रविवार को तेज बारिश के कारण भवन ढह गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य सचिव को दिए गए निर्देशों में कहा है कि प्रदेश व्यापी भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों से शाला भवनों की दशा के बारे में जानकारी मिली थी। लंबे समय से शाला भवनों की मरम्मत के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान ना होने से मरम्मत का कार्य नहीं हो सका इससे छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि आगामी शालेय सत्र (जून 2023) आरंभ होने के पूर्व शालाओं की मरम्मत एवं रखरखाव हेतु कम से कम 500 करोड़ रूपये (पांच सौ करोड़ रुपये) का प्रावधान किया जाए।

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