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बुजुर्ग महिला की जघन्य हत्या का पर्दाफाश 48 घंटे के भीतर ही दोनों हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में

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महासमुंद। महासमुंद जिले के बसना में बुजुर्ग महिला की हत्या की वारदात की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है और वारदात के 24 घंटे में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 29 अगस्त को फरियादी खीरबाई निवासी खेमडा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि खेमडा रोड किनारे गोदाम किनारे इसका झोपड़ीनुमा हॉटल है। जहां पर विशाखा पति बेड़ा भोई उम्र 77 वर्ष निवासी इंदिरा कॉलोनी बसना रात्रि में सोती थी। दिन में घूम घूमकर भीख मांगती थी। 28 अगस्त को रात्रि करीब 9 बजे खीरबाई के घर से हॉटल में सोने गई थी। सुबह करीब 7 बजे देखे तो हॉटल के अंदर पाटा के ऊपर मृत हालत में पड़ी थी। किसी अज्ञात आरोपी ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी।लिखित रिपोर्ट पर थाना बसना में मर्ग कायम कर विवेचना में लिया गया। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुये थाना बसना व सायबर सेल की टीम एवं फॉरेसिंक टीम रायपुर से घटना स्थल की बारीकी से जांच करने हेतु निर्देशित किया। घटना के वक्त मृतका खेमडा रोड किनारे आईएफसी गोदाम किनारे झोपड़ीनुमा हॉटल में सो रही थी। जांच के दौरान जिसे खोल कर देखा गया मृतका विशाखा भोई खाट में मृत हालत में पड़ी थी।जीभ बाहर निकली थी। फॉरेंसिक टीम द्वारा शव निरीक्षण कर विशाखा भोई की मृत्यु गला दबाने व दम घुटने से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा गला दबाकर हत्या करने का शंका जाहिर की गई। अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध थाना बसना में अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। पता चला कि खीरबाई का पुत्र सुशील राणा काम काज बंद होने से आर्थिक रूप से परेशान था। मृतका का पुत्र रोहित किसी प्रकरण में जेल में बंद है। जिसे छुड़ाने के लिए वह भीख मांग कर पैसा इकठ्ठा कर रही थी। इसके साथ कुष्टो यादव भी भीख मांगकर जीवनयापन करता है। सुशील राणा व कुष्टो यादव जान पहचान के हैं। पुलिस की टीम द्वारा दोनों व्यक्ति पर संदेह जाहिर करते हुये संदेही सुशील व कुष्टो को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करना प्रारंभ किया गया। जिस पर संदेही गोल मोल जवाब देने लगे। आखिरकार कड़ाई से पूछताछ करने पर टूट कर अपराध करना स्वीकार किया। आरोपियों ने बताया कि विशाखा भोई अपने गले में एक छोटा थैला लटका के रखती थी, जिसमें भीख मांग मांग कर पैसा इकठ्ठा करती थी एवं गले में ही लटकाये
रहती थी। विशाखा भोई का लडक़ा रोहित जेल में है। जिसे छुडाने के लिये विशाखा भोई पैसा इकठ्ठा कर रही थी। जिसे हम दोनों देखे भी थे। करीब 5 हजार रुपये को थैले में ही रखी हुई थी। 28 अगस्त को हम दोनों विशाखा भोई से पैसा लेने चर्चा किये थे तथा रात्रि 10-11 बजे हॉटल के पास मिलने की बात हुई थी। रात्रि करीब 11 बजे हॉटल के पास खड़े थे। हॉटल के अन्दर विशाखा भोई लकड़ी के पाटा के पर सोई थी। पानी गिरने के वजह से रास्ता सुनसान था। सुनसान देखकर हॉटल में लगे पर्दानुमा गेट को हटाकर हम दोनों अन्दर प्रवेश किये। देखे कि विशाखा भोई सो रही थी एवं उसके सिर के पास पैसा वाला थैला रखा था तथा दूसरे साइड में एक गमछा था। पैसा निकालने से जग जायेगी सोचकर सुशील राणा ने गमछा से अचानक मृतका के गले में गमछा बांध कर खींच दिया तथा कुष्टो यादव विशाखा भोई के पैर को पकड़े हुए था। जिससे कुछ ही समय में विशाखा भोई की मृत्यु हो गई और पैसा लेकर फरार हो गये और पैसे को आपस में बांट लिया। बटवारे में मिले नकदी 5000 रुपये को घर में छुपाकर रखना स्वीकार किया। आरोपियों के कब्जे से नकदी रकम 5000 रुपये को जप्त कर आरोपी सुशील राणा पिता स्व. नित्यानंद राणा उम्र 23 वर्ष सा.ग्राम खेमडा बसना महासमुन्द तथा कुष्टो यादव पिता धनुर्जय यादव उम्र 40 वर्ष सा. ग्राम खेमडा बसना महासमुन्द के विरुध्द अपराध धारा 302 भादवि के तहत थाना बसना में कार्यवाही गई।

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