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देश मे हर घंटे एक किसान कर रहा है आत्महत्या : कांग्रेस, 17 सितम्बर को महाराष्ट्र के पुणे में एक किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी ने प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए आत्महत्या कर ली

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नई दिल्ली । कांग्रेस के प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या कर रहा है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि 17 सितम्बर को महाराष्ट्र के पुणे में एक किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी ने प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा- मोदी साहेब, आप बस अपने बारे में सोचते हैं।हमारे पास पैसे नहीं, साहूकार इंतजार करने को तैयार नहीं, हम क्या करें?आज मैं आपकी निष्क्रियता के चलते आत्महत्या करने को मजबूर हूं। हमें फसलों की कीमत दें, ये हमारा अधिकार है। और इसके बाद केदारी ने जान दे दी। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि केसरी ने साफ़ तौर पर मोदी जी और सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एमएसपी से लेकर लोन रिकवरी एजेंटों से जुड़ी प्रताडऩा को भी साझा किया है। पर खेती से जुड़ी समस्याओं और मोदी सरकार की उदासीनता को लेकर किसानों का यह दर्द और आत्महत्या का मामला कोई पहली बार सामने नहीं आया है। 2021 में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 10,881 लोगों ने आत्महत्या की जो देश में कुल आत्महत्या (1,64,033) का 6.6 प्रतिशत है। ध्यान से सुनिएगा – हर रोज़ 30 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं इसका मतलब हर घंटे पर एक से ज़्यादा आत्महत्या कर रहे हैं।सीधे तौर पर पिछले साल दिन के हर घंटे 1 से ज़्यादा किसान ने अपनी जान दी – हर घंटे 1 अन्नदाता ने आत्महत्या की है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से लेकर 2021 तक भारत में 53,881 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है इसका मतलब 21 किसान रोज़ हताश और निराश हो कर अपनी जान लेने पर मजबूर हैं ।अगर एक लाइन में कहना हो तो यह मोदी सरकार की विफलता का नतीजा है और किसानों की इस दयनीय स्थिति के बावजूद मोदी जी तमाशे में और अपने झूठे महिमा मंडन में व्यस्त हैं। जब कुछ नहीं चल रहा तो चीता चीता चीख रहे हैं । मोदी जो जागिए और देखिए देश में खेती करने वालों की क्या स्थिति है।सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सबसे बड़ी विडम्बना तो यह है कि इस साल तो मोदी जी किसानों की आय दोगुनी करने वाले थे – आज देश के किसान की औसत आय दिन के मात्र 27 रुपए है। लेकिन मुझे रत्ती भर भी हैरानी नहीं हुई कि मोदी जी को इन आत्महत्याओं से कोई फक़ऱ् नहीं पड़ता। याद रखिएगा, यह वही प्रधानमंत्री हैं जिनकी जि़द्द और अहंकारी के चलते 700 किसानों की शहादत हुई । एक साल तक किसान सडक़ों पर बैठे रहे और मोदी जी ने संवैधानिक पद पर बैठे हुए एक व्यक्ति से कहा था मुझे क्या – मेरे लिए तो जान थोड़ी ही दी है।

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