कोरबा । पीडीएस में हो रही गड़बड़ी को लेकर जनता आये दिन जिला के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को शिकायत करते रहते हैं। अधिकारी शिकायत पर महज खानापूर्ति की कार्यवाही करते हैं। यही वजह है कि पीडीएफ में भ्रष्टाचार दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। ताजा मामला कोरबा जिला का है जहां पीडीएफ राशन पहुंचाने नियुक्त ट्रांसपोर्टर महाबीर प्रसाद जैन की ट्रक सीजी-12 एस-6291 में वेयर हाउस से राशन लोड कर ग्राम सतरेंगा जाने बाहर निकली और वेयर हाउस के बाहर खड़ी हो गई। इसी बीच ट्रक ड्राइवर गोकुल पटेल अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर ट्रक मे लोड चावल को अन्य वाहन मे लोड कर रहा था जिसे कुछ राहगीरों ने देख लिया जिसकी शिकायत कलेक्टर तक जा पहुंची। इसी बीच पकड़े जाने के डर से ड्राइवर ट्रक को छोडक़र मौके से फरार हो गया। शिकायत मिलते ही एसडीएम कोरबा, चार तहसीलदार, सहायक खाद्य अधिकारी, फूड इंस्पेक्टर और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर ट्रक को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल किया गया। प्रारंभिक जांच में राशन की अफरातफरी की पुष्टि हो गई जिसके बाद ट्रक को जब्त कर वेयर हाउस में रखा गया है। दूसरे दिन शुक्रवार को जब सुबह 11 बजे ट्रक में लोड सभी राशन सामग्रियों का अलग-अलग तौल किया गया तब पता चला कि चावल की 23 कट्टी मात्रा लगभग 11.50 क्विंटल कम है। इस तरह जांच होने के बाद चावल की अफरातफरी होना सही पाया गया है।
सरकारी चावल तस्करी का मुख्य आरोपी कौन?:- शुक्रवार को विभागीय जांच होने के बाद तो स्पष्ट हो गया है कि गुरुवार शाम सतरेंगा के लिए रवाना हुई महावीर ट्रांसपोर्ट की गाड़ी में लोड राशन सामग्री में चावल की अफरा-तफरी की गई है। पीडीएस चावल चोरी की इस वारदात को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी कौन है और चोरी के इस घटना को अंजाम देने के पीछे किसका हाथ है, जांच होनी चाहिए ताकि इस चोरी को करने वाले सभी आरोपियों के चेहरे से नकाब हट सके।
चोरी करने के बाद ड्राइवर हुआ फरार, गाड़ी मालिक भी रहे नदारत:- सरकारी पीडीएस चावल चोरी की घटना जैसे ही आम हुई उसके बाद ट्रक का ड्राइवर गाड़ी को छोडक़र मौके से फरार हो गया जिसका मोबाइल फोन भी बंद आने लगा। इसके बाद अधिकारियों द्वारा ट्रक मालिक को फोन से संपर्क कर मौके पर आने को कहा गया लेकिन बाहर होने का हिला हवाला देते हुए जांच के दौरान नदारद रहे। जानकारी यह भी मिल रही है कि अभी भी ड्राइवर फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। ड्राइवर के फरार होने से लोगों में तरह.तरह की चर्चाएं हो रही हैं। चर्चा यह भी है कि मालिक ने ही ड्राइवर को फरार कर दिया है। हालाकि इस बात की पुष्टि नहीं की जा रही है सिर्फ चर्चाएं है जो कि अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
पूछ रही है जनता, प्रशासन दोषियों पर कब करेगी एफआईआर:-कोरबा के जांच में पीडीएफ चावल की अफरातफरी की पुष्टि की गई है और एसडीएम ने पत्रकारों से चर्चा दौरान कहा आगे की कार्यवाही के लिए कलेक्टर कोरबा को जांच प्रतिवेदन सौपने की बात कही है।अब देखना होगा प्रशासन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करती है या पहले ही की तरह जांच, जवाब, प्रतिवेदन के खेल मे उलझा कर इस मामला को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जावेगा? कानून और लोगों की नजर में पूरा मामला प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार, चोरी और अफरातफरी का लग रहा है। प्रशासन अगर इस मामले में एफआईआर करवाती है और पुलिस द्वारा इस मामले की जांच की जाती है तो इस मामले में जुड़े तार, छोटे-बड़े कर्मचारी/अधिकारी, सफेद पोश नेताओं की भी संलिप्तता होने की संभावना है।
जांच की रडार में आ सकते है पीडीएस संचालक:-सभी पीडीएस दुकानों मे जारी राशन सामाग्री हितग्राहियों के कार्ड के आधार पर की जाती होती है। यदि ट्रक मे संबंधित ग्राम पंचायत के पीडीएस दुकान की चावल थी तो किसके कहने पर चावल की चोरी की जा रही थी? क्या इस तरह चोरी करके पीडीएस दुकानों को कम चावल दिया जाता है? क्या इस चोरी में दुकान संचालक भी मिले हैं? क्या गोदाम के कर्मचारी/अधिकारी ट्रक ड्राइवर/मालिक के साथ मिल कर गोदाम से अतिरिक्त चावल तो पार नहीं कर रहे हैं? यह सब जांच का विषय है। इस मामले को लेकर राजकुमार दुबे ने कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखते हुए दोषियों पर अपराध दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई करने ज्ञापन सौंपा है। अब देखना होगा कि इस मामले पर प्रशासन कब दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराती है और कब इस अपराध को अंजाम देने वाले आरोपियों को पकडऩे में सफलता मिलती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।