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सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो अपचारी बालकों को 20-20 साल की सजा

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कोरबा । सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो अपचारी बालकों को बाल न्यायालय ने 20-20 साल की सजा सुनाई है। करीब 19 माह पहले दर्री थाना क्षेत्र में एक 14 साल की बच्ची को बहला फुसला कर जंगल में ले जाने के बाद सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसमें दो नाबालिगों के अलावा एक युवक भी शामिल रहा। उसे पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। दर्री थाना अंतर्गत आने वाले एक ग्राम में रहने वाली 14 वर्षीय बालिका को बीते वर्ष 13 मार्च को रात करीब नौ बजे एक आरोपित लाला उर्फ निरंजन ग्राही व दो नाबालिग बालकों ने इशारा कर उसे अपने पास बुलाया और मिक्चर बिस्किट खिलाने का प्रलोभन देकर उसे जंगल ले गए। जहां एक बरगद पेड़ के पास तीनों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। घटना को अंजाम देने के बाद वापस बालिका को किसी से कुछ नहीं बताने की बात कहते हुए वापस घर से कुछ दूर पहले छोड़ दिया गया। पीडि़ता ने अपने चाचा को आप बीती सुनाई। उसके बाद इसकी रिपोर्ट दर्री थाना में दर्ज कराई गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की सुनवाई कटघोरा के बाल न्यायालय में चल रही थी। सुनवाई पूरी होने के बाद आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी पाक्सो की न्यायाधीश स्वर्णलता टोप्पो ने धारा 363 में एक-एक साल, धारा 366 के मामले में दो-दो साल सश्रम कारावास व धारा 6 पाक्सो एक्ट में 20-20 साल की सजाएं सुनाई है। शासन की ओर से इस मामले में पैरवी अतिरिक्त अभियोजक राकेश जायसवाल ने की। दुष्कर्म के मामले में पहली बार अपचारी बालकों को 20.20 साल की सख्त सजा सुनाई गई है।

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