जशपुर । कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने बगीचा विकास खंड के प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी रेशमलाल कोशले को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विषयांतर्गत के संबंध में लेख है कि कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग, अंबिकापुर छ.ग. के द्वारा 03 सदस्यीय जांच दल के द्वारा जांच करा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जांच प्रतिवेदन में अनियमितता प्रतिवेदित किया गया है।
स्व सहायता समूहों को मार्च 2021 व अप्रैल 2021 का कुकिंग कास्ट की राशि विलम्ब से भुगतान करना, बिना अधिकार के पुराने स्व सहायता समूह को भंग करना तथा बिना ग्रेडिंग व मैपिंग के 170 नव स्व सहायता समूहों को संस्थाओं का कम / ज्यादा वितरण कर अनुविभागीय अधिकारी बगीचा से नवीन समूहों के गठन का आदेश कराना, कुकिंग कास्ट की राशि भुगतान में अनियमितता, संलग्न व्याख्याता को कार्यमुक्त नहीं करने का दोषी पाया गया है।
अनुदान राशि प्रति संकुल रु 40,000/- के मान से 21 सकुलों द्वारा कुल आहरित राशि 8,40,000/- (आठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का बिना सामग्री क्रय एवं बिना फर्म का भुगतान किये कर्म के 2 बिल अनुसार राशि भुगतान की पावती लेकर शासकीय राशि का बंदरबांट करते हुए गबन किया गया। बीईओ के दबाव में 21 संकुल प्रभारी एवं संकुल समन्ययक भी आंशिक रूप से शासकीय राशि आहरण कर गबन करने में आशिक सहयोगी हैं। जबकि संकुल केन्द्र भट्टीकोना, बगडोल एवं टांगरडीह के संकुल समन्वयक इनके दबाव में न आकर राशि नगद आहरण न कर NEFT द्वारा प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा रायपुर के बैंक खाते में अंतरित कर दिया गया है जबकि अन्य 21 संकुलों द्वारा राशि अंतरित न कर नगद आहरण करना शिकायत की पुष्टि करता है। अत: राशि 8.40,000/- (आठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) शासकीय राशि का गबन करने में वित्तीय अनियमितता पाया गया है।
नवीन 22 सकुल केन्द्रो के संकुल प्रभारी व संकुल समन्वयक राज्य शासन के निर्देशानुसार खाते में जमा राशि राज्य कार्यालय को न भेजकर बिना छ.ग. भंडार क्रय नियम का पालन किए बैंक से नगद आहरण का दोषी पाया गया है। जबकि निर्देशानुसार पी. एफ.एम.एस. के माध्यम से क्रय सामग्री की राशि का भुगतान किया जाना था।
उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत है। अतएव उपरोक्त बिन्दु अनुसार स्पष्ट जवाब 05 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश कलेक्टर ने दिया है। समयावधि में जवाब प्रस्तुत नहीं किये जाने अथवा समाधान कारक जवाब नहीं दिये जाने कि स्थिति में सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियम, अपील) नियम 1965 के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्तावित किया जावेगा। जिसके लिए बीईओ स्वयं जिम्मेदार होंगे।