बिलासपुर । जिले के तखतपुर के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र-तेजस कार्यक्रम में कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित संसदीय सचिव व तखतपुर विधायक रश्मि सिंह के सामने जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पांडेय समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं व बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट भी हुई। इस घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने तखतपुर थाना के सामने धरना पर बैठ गए और विधायक रश्मि सिंह व जितेंद्र पांडेय के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जिला संयोजिका कु. आरती डडसेना ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थापना के 75 साल पूरा होने के अवसर पर शनिवार तखतपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तखतपुर छात्र-तेजस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। कार्यक्रम में भारी संख्या में विद्यार्थी पहुंचे थे। शनिवार दोपहर 12.30 बजे संसदीय सचिव व तखतपुर विधायक रश्मि सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल पहुंचीं और स्कूल के प्राचार्य को रजिस्टर दिखाने की बात कही। साथ ही कार्यक्रम की सूचना क्यों नहीं दी गई है।
इसी बीच एबीवीपी के कार्यकर्ता अभिषेक पांडेय पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पांडेय समेत अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच बहस होने लगा। धीरे-धीरे जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पांडेय और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद बढ़ गया और झुमाझटकी के साथ मारपीट शुरू हो गई। इसके बाद बीजेपी नेता हर्षिता पांडेय अपने कार्यकर्ताओं के साथ तखतपुर थाना पहुंची। दोपहर मे थाना के सामने धरने पर बैठ गई और विधायक रश्मि सिंह व जितेंद्र पांडे के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग करने लगी। तखतपुर थाना प्रभारी सुमंत राम ने बताया कि दोनो पक्षो के लोग आवेदन दिये है। जांच की जा रही है।
कांग्रेसी पद के अहंकार में अंधे हो गए है : भाजपा
भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायकों में सत्ता और पद का अहंकार चरम पर है। कांग्रेस की तखतपुर विधायक रश्मि आशीष सिंह के निज सहायक ने जिस तरह से सरस्वती शिशु मंदिर में घुस कर विधायक की माजूदगी में मारपीट की और वहां पर आए हुए पुलिस प्रशासन के लोग केवल मूकदर्शक बन देखते रहे लेकिन मारपीट की घटना को रोकने की कोशिश भी नहीं की,यह बताता हैं प्रदेश में अब तानाशाहो का राज हैं उन्होंने कहा कि मारपीट की घटना के बाद जब कार्यकर्ताओं द्वारा थाने में जाकर इसकी शिकायत की गई तो दोषी व्यक्ति के ऊपर कोई कार्यवाही न कर उल्टे कार्यकर्ताओं को धमकाया गया गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस कांग्रेसी नेता एवं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के सामने नतमस्तक हो गई है, प्रदेश की पुलिस प्रशासन केवल कठपुतली के रूप में कार्य कर रही है।
उन्होंने आगे कहा, इस मारपीट का कारण भी चौकाने वाला है मारपीट इसीलिए की गई क्योंकि कांग्रेस विधायक को कार्यक्रम में नही बुलाया गया। मतलब अब जो भी कांग्रेस नेताओ के बिना कार्यक्रम करेगा उनके कार्यक्रम में जाकर मारपीट की जायेगी? उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था कांग्रेस के इशारों पर काम कर रही है। किसे गिरफ्तार करना है और किसे संरक्षण देना है यह कांग्रेसी नेता तय करते है।