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जशपुर से बड़ी खबर : तपकरा ग्राम पंचायत के पूर्व सचिव जगन्नाथ जायसवाल को जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव ने किया निलंबित, जांच मे लगभग 75 लाख रूपये का गबन, पिछले दो वर्षो से शिकायत की हो रही थी जांच, जिला पंचायत सीईओ की हो रही सर्वत्र तारिफ

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जशपुर । जशपुर से बड़ी खबर है। तपकरा ग्राम पंचायत के पूर्व सचिव जगन्नाथ जायसवाल को जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव ने निलंबित कर दिया है। निलंबन के पश्चात श्री जायसवाल को जनपद पंचायत फरसाबहार मुख्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि मे इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। आपको बता दें जांच मे लगभग 75 लाख रूपये का गबन सामने आया है। पिछले दो वर्षो से शिकायत की जांच हो रही थी। जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव की इस कार्रवाई से जहां अन्य ग्राम पंचायतो मे हड़कंप मच गया है वहीं इस कार्रवाई से जिले मे सवत्र इनकी तारिफ हो रही है।
आपको बता दें तपकरा के पूर्व ग्राम पंचायत सचिव जगन्नाथ जायसवाल के द्वारा बैठक की सूचना एवं कार्यवाही किये बिना ही स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यो की राशि 3234660 रूपये तथा 14वें एवं 15वें वित्त योजना की रोकड़ बही अनुसार आबंटित राशि 4261035 आहरण कर गबन किया गया है। यह गबन जांच मे सही पाया गया है। जांच टीम द्वारा मुख्य कार्यपान अधिकारी जनपद पंचायत फरसाबहार को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। जांच टीम से प्राप्त जांच प्रतिवेदन को सीईओ फरसाबहार ने जिला पंचायत सीईओ को प्रेशित किया था। जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव ने निलंबन की कार्रवाई की है।
आपको बता दें निलंबित ग्राम पंचायत सचिव जगन्नाथ जायसवाल के खिलाफ काफी लंबे समय से शिकायत की जा रही थी लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये। इसके पूर्व कलेक्टर को तपकरा ग्राम पंचायत के वार्ड पंचो ने जगन्नाथ जायसवाल के खिलाफ लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया था लेकिन उन्होंने किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
आपको यह भी बता दें कि निलंबित ग्राम पंचायत सचिव जगन्नाथ जायसवाल को ग्राम पंचायत केरसई का भी प्रभार पूर्व मे दिया गया था। बताया जाता है इसने सारे नियम-कानून को ताक मे रखकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। इसकी शिकायत भी की गई थी लेकिन किसी भी अधिकारी ने कार्रवाई करने की हिम्मत नह़ीं दिखाई। इस ग्राम पंचायत मे स्वच्छ भारत मिशन के तहत टायलेट निर्माण मे जमकर भ्रष्टाचार किया गया, बिना टायलेट बनाये ही राशि हड़प ली गई।

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