भोपाल । मध्यप्रदेश में हर दसवां विद्यार्थी आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देता है। यह जानकारी संसद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने 13 फरवरी 2023 को दी । इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2021-22 में मध्यप्रदेश में माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 10.1 फीसदी है। हालांकि, यह दर 23.08 थी। रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में यह दर ढाई गुना तक कम हुई है। इससे पहले साल 2020-21 में यह दर 23.08 थी। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल में यह दर ढाई गुना तक कम हुई है। इसके अलावा देश में इस दर में 2021-22 ओडिशा की हालत सबसे खराब है। यहां माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 27.06 प्रतिशत है। केंद्र सरकार द्वारा दिये जाने वाला अंश में भी मध्यप्रदेश के साथ कटौती हुई है। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एमके सक्सेना ने बताया कि यह जो ड्राप आउट हैं यह स्कूलों में शिक्षक नहीं होने की वजह से हैं। कुछ वर्षों पहले गांव में टीचर्स को भोपाल बुलाया गया था जो वापस नहीं गए और गांव में यह पद आज भी खाली पड़े हैं। जब क्लास में शिक्षक नहीं होगा तो बच्चे आएंगे ही नहीं। इसके अलावा हमने कई स्कूल ऐसे भी देखे जहां एक शिक्षक ही पूरे स्कूल को खींच रहा है। कई शहरी स्कूलों में भी इसके उदाहरण देखने को मिल जाते हैं । विभाग की नीतियां भी ऐसी हैं, जो धरातल पर फेल हैं।