मुंगेली । जल जीवन मिशन के तहत हर घर स्वच्छ पानी पहुचाने का कार्य कछुवे के चाल चल रही है जिनके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की दिक्कतों से लोग आज भी जूझ रहे है। जरहागांव तहसील क्षेत्र में 44 गांव आते है जहां पर 90 प्रतिशत गांवों में पानी की दिक्कतें देखी जा सकती है।
जल जीवन मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले उन सभी परिवारों को घर में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना जिन्हें पानी की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। केंद्र सरकार के इस मिशन से सभी जरूरतमंद परिवारों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी परिवारों को पाइप के माध्यम से ताजा एवं स्वच्छ जल की सुविधा प्रदान करने गांवों में हर घर नल का जाल बिछाया गया है क्योंकि पानी मनुष्य के जीवन का वह अहम हिस्सा है जिसके बिना इंसान अपने जीवन के सफर को पूर्ण नहीं कर सकता है। व्यक्ति के जीवन जीने के लिए पानी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उनके जीवन में पानी की सुविधा उपलब्ध हो। जीवन जीने के साधनों में से एक प्रमुख तत्व के रूप में पानी का विशेष महत्व है। इसके लिये गांव के मोहल्लेवासियों के लिए नल कनेक्शन लगाना है।
पानी के आस में खड़ी है टोटियां
गांव के हरेक घरों में नल की टोटियां लगाई गई है पर आज तक पानी की पूर्ति नहीं होने से ग्रामीण जन गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत से गुजर रहे है ।केवल आस लगाए बैठे हुए है।जरहागांव के ग्रामीणों ने बताया कि केवल औपचारिक तौर पर नल की टोटियां लगा दी गई है पर आज तक एक बूंद पानी नही आया है।
बरेला के सरपंच कृष्णा यादव ने बताया कि नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछा दी गई है पर काम पूरा नही होने के कारण पानी सप्लाई नही की गई है ।
ठकरीकापा के सरपंच लिकेश्वर सोनकर ने बताया कि मुफ्त नल जल योजना के तहत हो रहे कार्य धीमी गति होने के कारण ग्रामीणों को पानी नही मिल पा रही है इस पर विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता है।
कुरानकापा पंचयात इस योजना से है अछूता
ग्राम पंचायत कुरानकापा में तीन गांव है पर आज तक यहाँ नल जल योजना शून्य है। ग्रामीण ईश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि नल जल योजना का लाभ इस पंचायत को नही मिला है।आज तक गांव में किसी भी तरह से कोई काम चालू नही हुआ है। इस पंचायत को अछूता छोड़ दिया गया जिससे ग्रामीण जन पानी की समस्या से जूझ रहे है पर करोड़ों के लागत की यह योजना धरातल पर फैल होते नजर आ रही है।