रायपुर । पैसा कमाने के लिए अस्पतालों में विशेषकर निजी अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा कमाई बढ़ाने के उपक्रम में संवेदनहीनता का परिचय दिया जा रहा है। जिसके चलते असमय ही जहां मरीजों की मृत्यु हो रही है वहीं चिकित्सा के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण राजनांदगांव में एक प्रसूता स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरभि महोबे एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ महोबे की लापरवाही के कारण हमेशा के लिए बच्चादानी निकालने के कारण भविष्य में मां बनने से वंचित हो गई। उक्त पीड़ा प्रेसक्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में मेघनाथ यदु, उनकी बहन श्रीमती अतुल लेखा यदु, निवासी स्टेशनपारा वार्ड राजनांदगांव ने पहुंचकर व्यक्त की। पत्रकारवार्ता में मेघनाथ यदु ने बताया कि राजनांदगांव के डॉ. कुमुद महोबे हॉस्पिटल में उनकी बहन लेखा यदु को 24 नवंबर दोपहर 2 बजे डिलिवरी के लिए भर्ती किया गया था। रात 12 बजे प्रसव पीड़ा होने पर अतुल ने अपनी पत्नी की डिलिवरी कराने के लिए सुरभि के बारे में पतासाजी की। मालूम हुआ कि वे पार्टी में गई हैं, उनकी अनुपस्थिति में सौरभ ने गायनोकोलॉजिस्ट न होने के बाद भी लेखा का बच्चा पैदा करवाया। बच्चा नहीं रोने के कारण बिना कुछ सोचे समझे सीधा आईसीयू में मेघनाथ के अनुसार उसे सीधा वेटिंलेटर में चढ़ा दिया गया। मामला हाथ से बाहर होने पर बालगोपाल हास्पिटल रायपुर से एंबुलेंस मरीज को लेने पहुंची किंतु कुछ समय बाद वहां भी बच्चे को मृत घोषित किया गया। संपूर्ण मामले में मिली भगत कर लापरवाही बरती गई है। संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी ने मामला भी दर्ज नहीं किया है। मेघनाथ ने इस संबंध में कलेक्टर राजनांदगांव मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर सुरभि महोबे एवं सौरभ महोबे के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है।
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