जशपुर । राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़, अपने विभिन्न मांगों को लेकर 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने जा रही है। पटवारियो के मुताबिक यह मांगे पुरानी मांगे हैं जिसके लिए पटवारियो द्वारा लगातार शासन प्रशासन से ज्ञापन के माध्यम से निवेदन किया जा रहा है। आपको बता दें कि दिसम्बर 2020 में भी पटवारियो द्वारा विभिन्न चरणों मे इन्ही मांगों को लेकर आंदोलन किया गया था जिसमे लगभग 14 दिनों का अनिश्चितकालीन हड़ताल भी शामिल है, राजस्व मंत्री के आश्वासन पर उस हड़ताल को स्थगित किया गया था किंतु 2 वर्ष बाद भी मांगो पर उचित कार्यवाही नही किया गया। विगत 24 अप्रैल को रायपुर के तुता में प्रदेश भर के लगभग 4000 पटवारियो ने सांकेतिक आंदोलन के रूप में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया है। राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ ने 14 मई तक मांगे पूर्ण करने हेतु ज्ञापन सौंपा है, मांगे पूर्ण नही होने की स्थिति में 15 मई से हड़ताल में जाने का निर्णय लिया है।
पटवारियों द्वारा विभागीय कार्यो के अतिरिक्त समय समय पर उच्चाधिकारियों द्वारा दिए मौखिक /लिखित आदेशो का पालन ईमानदारी पूर्वक किया जा रहा है | निर्वाचन ,जनगणना ,बाढ़ आपदा ,सुखा ,राजस्व वसूली , आय जाति निवास ,आपराधिक प्रकरण का नज़री नक़्शा , प्रोटोकाल ड्यूटी ,जनसमस्या निवारण शिविरों में आवश्यक व्यवस्था के साथ साथ प्राप्त विभागीय आवेदनों का समय पर निराकरण ,शासन की जनकल्याणकारी योजनाओ में सहभागिता आदि कार्यो का संपादन विभागीय कार्य जैसे गिरदावरी ,अभिलेख अद्यतन ,नक्शा बटाकन , सीमांकन,आबादी सर्वे के साथ साथ किया जा रहा है ,सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आवश्यक व्यवस्था हेतु मेला में ,मंदिरों में ,अन्य बड़े आयोजनों में भी पटवारियों की ड्यूटी लगाई जाती है |
पटवारियो की मांग है कि कार्य की अधिकता को देखते हुए पटवारियों का ग्रेड पे 2800 किया जाए। राजस्व निरीक्षक की सीधी भर्ती पर रोक लगाया जाये | राजस्व निरीक्षक के कुल पदों के 50% पर पटवारियों से वरिष्ठता के आधार पर एवं शेष 50% पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति किया जाये | 5 वर्ष पूर्ण कर चुके सभी पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाये | प्रशिक्षित पटवारियों से ही रिक्त पदों के 50% पर वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया जाये ।उपरोक्तानुसार भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन किया जाये।साथ ही राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार की विभागीय परीक्षा नियमित रूप से आयोजित किया जाये।वर्तमान में भूमि से संबंधित अभिलेख ऑनलाइन किया जा चुका है |अभिलेखों का दुरुस्ती, नामान्तरण/बटवारा में आवश्यक प्रतिवेदन ,नक्शा बटांकन आदि ऑनलाइन ही किया जा रहा है |जिसके लिए कंप्यूटर , इन्टरनेट , प्रिंटर , स्कैनर आदि की आवश्यकता पडती है। किन्तु शासन की महत्वाकांक्षी योजना भुइयाँ कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु पटवारियों को आज पर्यन्त आवश्यक संसाधन नही दिया गया है । पटवारियों को ऑनलाइन कार्य हेतु कंप्यूटर/लैपटॉप प्रदान किया जाये ,साथ ही इन्टरनेट हेतु 500 रु मासिक नेट भत्ता दिया जाये ।वर्तमान में बहुत से नये हल्कों का गठन किया गया है, जहां पटवारियों को कार्यालय तो दूर मूल भुत सुविधाए जैसे टेबल कुर्शी पंखा अलमीरा भी नही दिया गया है ,किराये के मकान में स्वयं के संसाधन से कार्यालय चलाने में मजबूर है । प्रत्येक पटवारी हल्के में पटवारी कार्यालय एवं आवश्यक फर्नीचर की व्यवस्था किया जाये |पटवारियों को वर्तमान में 250 रु प्रति माह की दर से स्टेशनरी भत्ता दिया जा रहा है जिसका निर्धारण लगभग 10 वर्ष पूर्व किया गया था ,बढ़ते महंगाई के साथ साथ स्टेशनरी के दरो में भी वृद्धि हुआ है अतः स्टेशनरी भत्ता 1000 रु प्रति माह दिया जाये। यह भत्ता प्रतिवर्ष बढ़ाया जाये। पटवारियों के लिए अतिरिक्त हल्के का प्रभार हेतु 250 रु निर्धारित है जबकि कार्य मूल हल्के के सामान ही किया जाता है ,अतः नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए अतिरिक्त हल्के का मानदेय मूल वेतन का 50% प्रतिशत किया जाये । पटवारी भर्ती नियम में 12वी परीक्षा उत्तीर्ण होने के साथ साथ कंप्यूटर आवश्यक किया गया है | वर्तमान में भुइयां एवं भू नक्शा सॉफ्टवेयर का संचालन जैसे तकनीकी कार्य ,साथ ही बढ़ते टेक्नोलॉजी के साथ आबादी सर्वे आदि कार्यो को देखते हुए पटवारियों की भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन करते हुए न्यूनतम योग्यता स्नातक किया जाये |वर्तमान में हल्का मुख्यालय से तहसील या जिला मुख्यालय तक आवागमन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो चुकी है । साथ ही हल्कों का आकार भी कम हो चुका है (एक हल्के में अधिकतम 2 पंचायत )| साथ ही अधिकांश कार्य ऑनलाइन हो चुका है जो इंटरनेट सुविधा युक्त जगह में ही संभव है। पटवारियों के नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए मुख्यालय निवास की बाध्यता को समाप्त किया जाये।पटवारियों के द्वारा कार्य सम्पादन करते समय यदि लिपिकीय त्रुटी या इसके अतिरिक्त कागजात संधारण करने में कोई भूल हो जाये ऐसी स्थिति में विभागीय जाच उपरांत ही एफ आई आर की कार्यवाही होनी चाहिए ।शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो की जब तक विभागीय जाच पूर्ण न हो जाये तब तक प्रारम्भिक एफ आई आर दर्ज न हो | इस प्रकार 8 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व पटवारी संघ ने राजस्व सचिव को ज्ञापन सौंपा है।