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CG. : 16 साल के नाबालिग पुत्र ने अपनी मां को चाचा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, चाचा ने रास्ता से हटाने नाबालिग भतीजे का गला दबाकर कर दी हत्या, 15 साल से मृतक का पिता हत्या के मामले मे काट रहा सजा, देवर-भाभी दोनो को पुलिस ने सलाखो के पीछे पहुंचाया

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जांजगीर-चांपा । 16 साल के नाबालिग पुत्र ने अपनी मां को अपने सगे चाचा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, जिसके कारण बालक को अपनी जान गंवानी पड़ी। चाचा ने रास्ता से हटाने नाबालिग भतीजे का गला दबाकर हत्या कर दी और शव को पत्थर से बांध कर कुआं मे फेंक दिया। आपको बता दें 15 साल से मृतक का पिता हत्या के मामले मे बिलासपुर जेल में सजा काट रहा है। पुलिस ने देवर-भाभी दोनो को सलाखो के पीछे पहुंचा दिया है।

घटना के संबंध मे प्रार्थियां द्वासा बाई धीवर निवासी मुड़पार द्वारा दिनांक 14.04.23 को चौकी नैला में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 13.04.23 से इसका लड़का विशेष धीवर घर में नहीं है आसपास पता करने पर कोई पता नहीं चला । कोई अज्ञात आरोपी द्वारा अपहरण कर ले जाने की रिपोर्ट पर चौकी नैला में अपराध क्रमांक 269/23 धारा 363 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान प्रार्थिया के घर के बाड़ी से लगे कुआं मेें एक बालक का शव तैरता हुआ मिला। जिसे कुंआ से निकालने पर प्रार्थियां द्वारा उक्त बालक की पहचान अपने पुत्र के रूप में की गई। मृत बालक का पैर तार एवं पत्थर से बंधा हुआ था। जिस पर मर्ग कायम कर शव पंचनामा कार्यवाही कराकर मर्ग जांच उपरांत प्रकरण में धारा 302, 201,34 भादवि जोड़ी जाकर विवेचना की जा रही थी।

विवेचना के दौरान घटना की गम्भीरता को देखते हुए मौके पर एफएसएल वैज्ञानिक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होकर घटना स्थल का निरीक्षण किया गया एवं डॉग स्कॉट की टीम भी भेजी गई। प्रकरण के सम्बंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। प्रकरण के संदेही मृतक की मां द्वासा बाई धीवर एवं चाचा राजू धीवर को पुलिस हिरासत में लेकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर अपने मेमोरण्डम कथन में बताये कि मृतक के पिता वर्ष 2008 से हत्या के प्रकरण में सजा होने पर बिलासपुर जेल में निरूद्ध है। इसी दौरान द्वासा बाई धीवर एवं राजू धीवर के मध्य प्रेम संबंध स्थापित हो गया था। दिनांक 13.04.2023 को दोनों तिलई के बैंक से वापस घर आये और बाद मे बालक विशेष धीवर दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया तथा उक्त घटना के संबंध में मृतक द्वारा जेल जाकर अपने पिता को बताऊंगा कहने पर आरोपी राजू धीवर मृतक बालक के गला एवं मुंह को दबाकर हत्या कर दिया एवं मृतक के पैर को बाड़ी में रखे तार एवं पत्थर से बांधकर शव को कुंआ मेें फेंक देना बताया गया।

अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में चंद्रशेखर परमा, उप पुलिस अधीक्षक, यदुमणि सिदार एसडीओपी चांपा, निरीक्षक लखेश केवट ,उप निरीक्षक गजा लाल चंद्राकर चौकी प्रभारी नैला ,उप निरीक्षक पुष्पराज साहू, सहायक उपनिरीक्षक दिलीप सिंह, राम खिलावन साहू, प्रधान आरक्षक बलवीर सिंह ,राजकुमार चंद्रा , आरक्षक जितेश सिंह , गोपेश्वर सिंह महिला प्रधान आरक्षक राजकुमारी का विशेष योगदान रहा।

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