दुर्ग । ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को कंपनी के ही एरिया मैनेजर और कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 45 लाख रुपए का चूना लगा दिया। हालांकि शिकायत के बाद पुलिस ने मैनेजर सहित पांच आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी में फिल्पकार्ट का वेयर हाउस दुर्ग जिले के धमधा में है, जहां से फ्लिपकार्ट कंपनी ऑनलाइन सामान मंगाने वाले कस्टमर के सभी आइटम्स को भेजती है, तो दुर्ग जिले के धमधा के वेयरहाउस में उसे डंप किया जाता है, उसकी डिटेल निकाली जाती है और स्कैन किया जाता है, उसके बाद सभी डिलवरी करने वाले लडक़ों को सामान दिया जाता है, जिसके बाद लडक़े पार्सल में लिखे हुए बॉक्स पर एड्रेस के आधार पर कंपनी का सामान डिलीवर करते हैं। करीब महीने भर पहले खुले इस वेयर हाउस में जामुल निवासी मैनेजर के तौर पर अमर मंडल काम कर रहा था, कोहका का रहने वाला अरविंद भी उसके साथ वेयर हाउस में काम कर रहा था. पुलिस के अनुसार दोनों ने वेयर हाउस की नौकरी डिलीवरी के लिए आने वाले सामान को हड़पने की नीयत से ही की थी। इन दोनों ने राजनांदगांव की रहने वाली मोनिका के अलावा अपने तीन और दोस्त दीपक, मनीष और लोकेश को भी शामिल कर लिया। सभी ने मिलकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के करीब 50 से ज्यादा अकाउंट से फ्लिपकार्ट को 120 मोबाइल और महंगे लैपटॉप का ऑर्डर दिया, सभी ऑर्डर कैश ऑन डिलीवरी मोड में दिए गए। इस मामले में मास्टरमाइंड अमर मंडल ने अपने दोस्त राहुल के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर उसे वेयर हाउस का डिलीवरी बॉय बना दिया, जबकि राहुल को इस बात का पता भी नहीं चला जब सारा सामान आ गया, तो पूरा सामान राहुल के नाम से डिलीवरी के लिए निकलना दिखाया और उसे लेकर 21 मई की रात को राजनांदगांव में मोनिका के घर ले गए। मोनिका के घर में मोबाइल से स्कैन कर पूरा सामान डिलीवरी होना दिखा दिया गया। वहीं पैसा पास होने की बात कहते हुए रात होने का बहाना बनाते हुए अगले दिन जमा करने की बात कही। लेकिन जब अगले दिन पैसा नहीं मिला तो कंपनी के द्वारा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं अन्य की तलाश की जा रही है। पुलिस केे द्वारा आरोपियो से 38 लाख के सामान की बरामदगी हो चुकी है जबकि अरोपियों ने कंपनी लगभग 45 लाख रुपये का सामान गबन किया था।