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छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन : सुभाष परते, अब सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ ने दी नग्न प्रदर्शन की चेतावनी

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कोरबा । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए नग्न प्रदर्शन की आग अभी शांत नहीं हो पाई है, तो वहीं अब कोरबा में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी जाने लगी है। सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ ने तीन दिन पहले प्रदेश की राजधानी रायपुर में किए गए नग्न प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा है कि मांगे पूरी नहीं होने पर कोरबा में भी ऐसा प्रदर्शन किया जा सकता है।
युवा प्रभाग सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते ने शनिवार को एक पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने राज्य शासन और प्रशासन से सात सूत्रीय मांगों पर जल्द निर्णय लेने की मांग की। सुभाष परते ने आरोप लगाया कि जिले में आर्यन काल बेनिफिकेशन लिमिटेड एसीबी ने 13 गैर प्रांतीय लोगों का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर मूलनिवासी आदिवासियों की एक हजार एकड़ जमीन खरीद ली और उस पर कोल वाशरी और पावर प्लांट का संचालन कर रहा। उन्होंने कहा कि इन फर्जी आदिवासियों के नाम पर रांची, कोरबा, पेंड्रा रोड रेल कारिडोर में भू-अर्जन के बाद 40 करोड़ रूपये का मुआवजा ले लिया गया है।
मामले की शिकायत के बाद 13 लोगों के अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र को निलंबित किया गया है, लेकिन निरस्त नहीं किया जा रहा है और एफआइआर दर्ज नहीं किया जा रहा है। इसी तरह रायगढ़ जिले के खोखराआमा गांव में इन्हीं 23 लोगों के नाम पर 1000 एकड़ जमीन खरीद ली गई। लेकिन इस मामले में भी शासन. प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सुभाष परते ने कहा कि आगामी नौ अगस्त को सर्व आदिवासी समाज के चरणबद्ध आंदोलन का एक वर्ष पूरा हो जाएगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में वृहद रूप से एक साथ आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर संस्था के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
ये हैं प्रमुख मांगें
संविधान की पांचवी अनुसूची के प्रविधान के अनुरूप जिला कोरबा में तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति में शत प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए।
प्रदेश के सभी अनुसूचित जिलों में पेसा कानून 1996 के तहत ग्राम सभा को पूर्ण अधिकार दिए जाएं।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी करने वाले लोगों को तत्काल बर्खास्त कर दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।
कोरबा जिला में किए गए भू. अधिग्रहण के विस्थापितों की समस्याओं का त्वरित समाधान करते हुए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
वन अधिकार अधिनियम के तहत वन पट्टा दिये जाएं।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस दिये जाएं।
हसदेव अरण्य में फर्जी ग्राम सभा करके खोले गए हसदेव कोल ब्लाक का आवंटन निरस्त हो।

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