जशपुर। 2 माह के बच्चे को सुलाकर 35 वर्षीय महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी , के मामले में गांव वालों ने आपस में ही मिलकर गांव के ही एक महिला को अवैधानिक रूप से गोद दिया गया था मामले की जानकारी समाचार पत्र के माध्यम से मिलते ही जिला बाल संरक्षण अधिकारी चंद्रशेखर यादव ने संज्ञान में लिया और अवैधानिक रूप से हो रहे दत्तक प्रक्रिया को रोका गया तथा जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल्ड लाईन जशपुर के संयुक्त टीम गठन कर तपकरा के खड़िया टोली से बच्चे का रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार बालिका को सकुशल संस्था विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण में संरक्षित किया गया है।
विदित हो की बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के गाईडलाईन अनुसार किया जाता है। स्वयं से बच्चा लेना-देना गैर कानूनी है। जिसमें दो वर्ष तक कारावास की सजा का प्रावधान है।
आपको बता दें शनिवार की रात कैलाशपति नाम की महिला घर से लगे सरीफा पेड़ मे चढ़कर आत्महत्या कर ली थी। पड़ोसियो को इस बात की जानकारी रविवार प्रातः 5 बजे हुई जिसके बाद तपकरा पुलिस को सूचना दी गई थी। शव के पीएम के बाद रविवार को अंतिम संस्कार किया गया था। बताया जाता है महिला गोलू नाम के एक लड़के के साथ किराये के मकान मे लीव-इन-रिलेशन मे रह रही थी जिसके बाद एक बच्ची का जन्म हुआ था। सोमवार को लगभग 6 बजे तपकरा बस स्टैण्ड से लगे मोहल्ले मे बैठक हुई थी। इस बैठक मे सेलेबिना किसपोट्टा नाम की महिल भी शामिल हुई थी जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। इसी महिला को 2 माह की बच्ची को गोद दिया गया था। बैठक के दौरान तपकरा थाना प्रभारी भी उपस्थित थे। थाना प्रभारी बच्ची को गोद लेने वाली महिला सेलेबिना को समझाईस दिये थे कि बच्ची का खयाल रखना।
इस मामले मे जिला बाल संरक्षण अधिकारी चंद्रशेखर यादव ने बताया कि बाल कल्याण समिति आगे जांच करेगी। यह न्यायालयीन मैं मामला है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।