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सीएम मैडम कौशल्या साय ने पति के लिए रखा ज्येष्ठ पूर्णिमा वट सावित्री का व्रत, की विशेष पूजा, शामिल हुईं घरघोड़ा व छाल से भी बहनें

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सीएम मैडम कौशल्या साय ने पति के लिए रखा ज्येष्ठ पूर्णिमा वट सावित्री का व्रत, की विशेष पूजा, शामिल हुईं घरघोड़ा व छाल से भी बहनें

जशपुर । शुक्रवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास बगिया में सीएम विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने पति की लंबी आयु और उनके समृद्धि के लिए वट सावित्री का व्रत रखा और शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर कुनकुरी की रामायण मंडली के अलावा घरघोड़ा एवं छाल से भी बहनें पूजा में शामिल होने आईं हुईं थीं।

ज्ञात हो कि पीपल की तरह वट या बरगद के पेड़ का भी विशेष महत्व है। पाराशर मुनि के अनुसार- ‘वट मूले तोपवासा’ कहा गया है। पुराणों में यह स्पष्ट किया गया है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा आदि सुनने से मनोकामना पूरी होती है। वट वृक्ष अपनी विशालता के लिए भी प्रसिद्ध है। मान्यता है इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। इस व्रत की कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी है। कहते हैं, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से जीवित कराया था।

धार्मिक के अलावा आयुर्वेद में भी महत्व है वट का :

धार्मिक दृष्टि से तो वट का महत्व है ही, चिकित्सा की दृष्टि से भी बरगद बहुत उपयोगी है। प्राचीन ग्रंथ वृक्षायुर्वेद में बताया गया है कि जो यथोचित रूप से बरगद के वृक्ष लगाता है, वह शिव धाम को प्राप्त होता है तथा आयुर्वेदिक मत से वट वृक्ष के सभी हिस्से कसैले, मधुर, शीतल तथा आंतों का संकुचन करने वाले होते हैं। कफ, पित्त आदि विकार को नष्ट करने के लिए इसका प्रयोग होता है। वमन, ज्वर, मूर्च्छा आदि में इसका प्रयोग लाभदायक है।

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