जशपुर। जशपुर जिले के बगीचा से बड़ी खबर है। बगीचा पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बगीचा पुलिस ने एनसीआरबी की वेबसाइट में पीड़िता का नाम और पता सहित पूरा डिटेल उजागर कर दिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की वेबसाइट में जाकर महिला के द्वारा आरोपी के खिलाफ कराया गया दुष्कर्म से संबंधित FIR को अभी कोई भी व्यक्ति देख सकता है जबकि दुष्कर्म से संबंधित FIR को सेंसिटिव रखा जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति पुलिस विभाग की वेबसाइट में जाकर उसका नाम पता और पूरा विवरण ना देख पाए। इस तरह बगीचा पुलिस के द्वारा बड़ी लापरवाही बरती गई है और आदिवासी महिला के मान-सम्मान को ताड़-ताड़ कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई है।
बगीचा थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को बगीचा थाना में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई की 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार दीपावली के दिन उसके गांव का ही एक व्यक्ति रात के लगभग 10:00 बजे उसके घर पहुंचा जब महिला अपने परिवार के साथ सो रही थी, जब वह व्यक्ति दरवाजा खटखटाया तो उसका पति घर से बाहर निकला । उस व्यक्ति ने कहा कि तुम मांदर अच्छा बजा लेते हो मेरे साथ एक कार्यक्रम में चलो उसके बाद महिला का पति उस व्यक्ति के साथ एक कार्यक्रम में मांदर बजाने के लिए चला गया। दुष्कर्म पीड़िता महिला ने FIR में लिखाया है कि रात के लगभग 11:00 बजे दीपावली के दिन ही आरोपी उसके घर में दोबारा प्रवेश करता है और उसके साथ जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है। महिला का पति एक कार्यक्रम में मांदर बजाने के बाद रात के लगभग 3:00 बजे घर पहुंचा इसके बाद महिला के द्वारा अपने पति को और अन्य परिजनों को उसके साथ हुई दुष्कर्म की घटना को बताने के बाद शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को 19:05 पर पर बगीचा थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ में अपराध पंजीबद्ध कराई है। लेकिन बगीचा पुलिस के द्वारा उक्त FIR को सेंसेटिव नहीं किया गया जिसकी वजह से कोई भी व्यक्ति पुलिस विभाग की वेबसाइट में जाकर उस महिला के द्वारा लिखाए गए रिपोर्ट की जानकारी को आसानी से पढ़ सकता है।
बगीचा थाना में पदस्थ महिला सहायक उप निरीक्षक बैजंती किण्डो के द्वारा FIR लिया गया है । इस मामले की बैजंती किण्डो विवेचना अधिकारी है।
आपको बता दें राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की स्थापना टंडन समिति, राष्ट्रीय पुलिस कमीशन (1977-1981) तथा गृह-मंत्रालय के टास्क फोर्स की सिफारिश के आधार पर, अपराध और अपराधियों की सूचना के संग्रह एवं रख-रखाव (Repository) के रूप में कार्य करने हेतु 1986 में की गई थी जिससे कि अपराध को अपराधियों से जोड़ने में सहायता मिल सके।
साल 2009 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) परियोजना की मॉनिटरिंग, समन्वय तथा कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। देश में यह परियोजना लगभग 15000 पुलिस स्टेशनों तथा देश के 6000 उच्च कार्यालयों को जोड़ती है।