जशपुर । ग्राउंड रिपोर्टिंग यूट्यूब चैनल में चली खबर का बड़ा असर हुआ है। शनिवार 15 फरवरी 2025 को यूट्यूब चैनल ग्राउंड रिपोर्टिंग में “नागलोक की आदिवासी महिला को वर्षों बाद भी नहीं हुआ मजदूरी का भुगतान” टाइटल से समाचार का प्रकाशन हुआ था। समाचार चलने के बाद आदिवासी महिला रुक्मणी बाई के खाते में रोजगार सहायक के द्वारा 9500 की राशि खाते में जमा कर दी गई है।
आदिवासी महिला रुक्मणी बाई ने बताया कि सोमवार 17 फरवरी को तपकरा ग्राम पंचायत की रोजगार सहायक उसके घर पहुंची थी उसके बाद उसका खाता नंबर ली । उसने बताया कि रोजगार सहायक के द्वारा उसके खाते में भारतीय स्टेट बैंक तपकरा के शाखा में 9500 जमा कर दिया गया है।
आदिवासी महिला ने बताया कि साल 2 साल पहले उसने ग्राम पंचायत तपकरा के जुटी तालाब में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे तालाब गहरीकरण कार्य में काम किया था। उसने यह भी बताया कि तपकरा ग्राम पंचायत में ही गौठान का निर्माण भी कराया गया है वहां भी वह मजदूरी की है , जिसका अब तक भुगतान नहीं हो पाया है। उसने यह भी बताया कि तपकरा के ही लक्ष्मण गुप्ता, जिनका महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत डबरी निर्माण कराया गया है वहां भी वह मजदूरी का काम की है जिसका अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। उसने यह भी बताया कि लक्ष्मण गुप्ता के डबरी के ठीक बगल में सीढ़ी पोखरा है जहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सौंदर्यीकरण एवं गहरीकरण किया गया था वहां भी वह काम की है जिसका मजदूरी भुगतान आज तक नहीं हो पाया है।
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक तपकरा ग्राम पंचायत में ऐसे कई निर्माण कार्य हैं जिसमें जो मजदूर काम नहीं करता है उसकी हाजिरी डाला जा रहा है और जो मजदूर काम कर रहा है उसका हाजिरी नहीं डाला जाता है। ऐसे कुछ खास लोग हैं जिनका महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जॉब कार्ड बना दिया गया है ऐसे लोग काम नहीं करते हैं उनका हाजिरी डालकर उनके खाते में पैसा डाला जा रहा है। आदिवासी महिला रुक्मणी बाई के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है। यह महिला मजदूरी की थी लेकिन उसका हाजिरी डाला ही नहीं गया उसकी जगह किसी और महिला की हाजिरी डालकर उसके खाते में पैसा डाला गया है। बताया जा रहा है तपकरा ग्राम पंचायत में ऐसे कई मजदूर हैं जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में चल रहे कार्यों में मजदूरी किए हैं पर उनको आज तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। भोले भाले आदिवासी मजदूर डर के कारण कहीं शिकायत भी नहीं कर पाते हैं।