जशपुर । कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन मे राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 27 फरवरी से 13 मार्च तक फाइलेरिया का जड़ से उन्मूलन करने के लिए चलाया जा रहा है। जिसके तहत स्कूल, कॉलेजों में जाकर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवाईयां खिलाई जाएंगी। जिसमें आइवरमैक्टिन, अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोलियों को दिया जाएगा एवं युवाओं तथा बच्चों को अपने आस पास जागरूकता फैलाने हेतु जानकारियां दी जा रही हैं। इसके तहत पहले प्रत्येक पारा टोला में जाकर बूथ कैंप लगाकर दवाओं का वितरण किया जाएगा। इसके बाद घर- घर जाकर मितानिनों द्वारा बचे लोगों का सर्वे कराकर उन्हें दवाइयां दी जाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार फाइलेरिया एक वेक्टर जनित बीमारी है जो संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है।क्यूलेक्स मच्छर जमे हुए गंदे पानी में पैदा होते हैं। हाथीपांव एवं हाइड्रोसिल इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस बीमारी की गति काफी धीमी होती है जिसके कारण लोग इसके प्रति लापरवाह रहते हैं। फाइलेरिया बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है ,मच्छर सभी को काटती है ।
संक्रमण होने के 6-7 वर्षों के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं हाथीपांव का अंतिम चरण काफी भयंकर होता है जो व्यक्ति को अपंग बना देता है एवं इसका कोई ईलाज भी नहीं है।
इस अभियान में तीन तरह की फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी वो भी साल में बस एक बार हाथीपांव होगा साफ़, दवा सेवन के उपरांत आपको अपने शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देंगे . सरदर्द ,बुखार ,उल्टी तो घबराए नहीं ये लक्षण शुभ संकेत है। आपने दवा सेवन किया और आपके शरीर में माइक्रोफाइलेरिया पाए गए हैं जिनपर दवा का असर हुआ है। IVERMACTIN,DEC एवं ALBENDAZOLE दवा पूरी तरह से सुरक्षित है।