रायपुर । एनसीसी कैडेट्स के लिए फ्लाइंग प्रशिक्षण का विस्तार अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर में भी शुरू हो गया है। इससे पूर्व यह प्रशिक्षण केवल रायपुर हवाई अड्डे तक सीमितञथा। राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) निदेशालय मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ ने अपने सबसे बड़े समूह मुख्यालय, रायपुर के तत्वावधान में इस सप्ताह जशपुर हवाई पट्टी पर समर्पित फ्लाइंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इससे पूर्व यह प्रशिक्षण केवल रायपुर हवाई अड्डे तक सीमित था। इस पहल का उद्देश्य राजधानी से दूरस्थ क्षेत्रों के युवा एविएटर्स (विमान चालक) को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण और आवश्यक अनुभव प्रदान करना है।
इस परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, के साथ-साथ वित्त मंत्री, शिक्षा सचिव और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है। उनकी सक्रिय भागीदारी ने सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे राज्य में एनसीसी प्रशिक्षण ढांचे को और मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला है।
इस विशेष प्रशिक्षण पहल के लिए आगामी राज्य बजट में सैद्धांतिक वित्तीय स्वीकृति पहले ही प्रदान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक स्कूलों और कॉलेजों को एनसीसी फ्लाइंग पाठ्यक्रम के दायरे में लाया जाए, ताकि राज्य के विद्यार्थियों को विमानन प्रशिक्षण के अधिक अवसर मिल सकें।
दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित कैडेट्स को होने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, इस पायलट परियोजना के तहत प्रशिक्षण को सुलभ बनाते हुए भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण गुणवत्ता और विमानन सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की पूरी जिम्मेदारी रायपुर स्थित नंबर 3 छत्तीसगढ़ एनसीसी एयर स्क्वाड्रन द्वारा सावधानीपूर्वक निभाई जा रही है।
यह पहल राज्य में दीर्घकालिक विमानन प्रशिक्षण अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) विकसित करने की व्यापक योजना का हिस्सा है। जैसे-जैसे यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इसके लिएत अतिरिक्त सुविधाओं और संसाधनों का विकास किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक कैडेट्स को व्यावसायिक फ्लाइंग प्रशिक्षण का लाभ मिल सके। यह कदम राज्य में एविएशन प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने तथा भारतीय वायुसेना और विमानन क्षेत्र में कैडेट्स के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।