जशपुर। आज 21.10.2025 मंगलवार को जिला मुख्यालय जशपुर स्थित रक्षित केन्द्र जशपुर में आयोजित “पुलिस स्मृति दिवस” के कार्यक्रम में जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविन्द भगत, पदमश्री श्री जागेश्वर राम यादव, कलेक्टर जशपुर श्री रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सोनी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री विश्वास राव मस्के, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जशपुर श्री चंद्रशेखर परमा, एसडीओपी कुनकुरी श्री विनोद मंडावी, उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती मंजूलता बाज, उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती आशा लकड़ा सहित शहिदों के परिजन, अधिकारी एवं कर्मचारीगण वं अन्य सम्मानित नागरिकगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर पूरे जिले के कुल 56 शहीद परिवार को आमंत्रित किया गया था, परेड में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 02 प्लाटून जिनका मुख्य कमांड रक्षित निरीक्षक श्री अमरजीत खूंटे द्वारा किया गया एवं कमांडर के रूप मेें छसबल के एपीसी अलिक जोर्ज मिंज एवं वीरेंद्र तिर्की रहे। पुलिस की टुकड़ी द्वारा शहीदों को सलामी दी गई, तत्पश्चात पूरे भारत मे दिनांक 01.09.2024 से 31.08.2025 तक कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले कुल 191 शहीदों के नाम का स्मरण कर कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न अधिकारीगणों एवं परिजनों द्वारा शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी गई।
क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस ?
गौरतलब है कि आज से 65 वर्ष पहले 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र हाॅट स्प्रिंग्स (हाटनला) में भारतीय पुलिस की एक छोटी टुकड़ी जो सीमा सुरक्षा में तैनात थी, इस पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया था, इस संघर्ष में हमारे 10 पुलिस जवानों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके इस सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते हुये शहीद दिवस परेड का आयोजन किया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि देश की आंतरिक सुरक्षा और शांति के लिए पुलिसकर्मी दिन-रात अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटते।
इस अवसर पर जशपुर विधायक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शहीदों के परिजनों का सम्मान कर उनसे मिलकर उनका हाल-चाल जाना, शहीद के परिजनों से वार्तालाप किया गया कि हम सब एक परिवार के समान हैं, अपने आपको कभी अकेला न समझें, किसी भी किस्म की पारिवारिक, व्यक्तिगत अथवा आर्थिक समस्या हो तो अवगत करायें। समस्या के समाधान का सकारात्मक प्रयास निश्चित रूप से किया जावेगा। इसके पश्चात् शहीदों के परिजनों को पुलिस लाईन में भोजन कराया गया, और उन्हें ससम्मान उनके गन्तव्य स्थान तक पहुंचाया गया।
जिले के उन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहाँ कभी शहीद पुलिसकर्मियों ने शिक्षा प्राप्त की थी।
“हमारे शहीद पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, उनकी शहादत हमें हमेशा हमारे कर्तव्यों और देशभक्ति की याद दिलाती रहेगी, हम हमेशा उनके परिवारों के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव सहयोग देने हेतु तत्पर हैं।”
एसएसपी शशि मोहन