संतोष गुप्ता, जशपुर । दहेज के लिये कड़े कानून होने के बाद भी दहेज के दानवों को कानून के प्रति रत्ती मात्र का भी डर नहीं है। दहेज के लोभी एक पति ने अपनी पत्नी को बीमार बताकर विवाहिता के पिता के साथ मायके भेज दिया। लगातार पांच माह तक पति का इंतजार करने के बाद भी जब दहेज का लोभी पति विवाहिता को लेने के लिये मायके नहीं आया जिसके बाद विवाहिता मजबूर होकर जशपुर पुलिस अधीक्षक शंकर लाल बघेल को लिखित आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है। जांच के बाद पत्थलगांव पुलिस सुधीर कुमार खुंटिया व उसके पिता मुरलीधर खुंटिया निवासी बेलडेगी थाना पत्थलगाँव के खिलाफ धारा 498-A, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर लिया। अब पुलिस कभी भी पिता -पुत्र को गिरफ्तार कर सकती है। फरसाबहार तहसील के टीकलीपारा की रहने वाली श्रीमती उमा यादव ने पुलिस को बताया कि उसका विवाह सुधीर कुमार खुटिया पिता मुरलीधर खुटिया, उम्र 28 वर्ष, निवासी ग्राम- बेलडेगी , तहसील- पत्थलगांव जिला – जशपुर के साथ दिनांक 26 अप्रेल 2018 को हिन्दु रीति रिवाज एवं परम्पराओं के अनुसार अनुष्ठापित हुआ। विवाह के पश्चात चूंकि मेरे पति भिलाई में नर्सिग केरियर पोईट (एस.डी.के) के नाम से कोचिंग सेंटर संचालित करते थे इसलिए मुझे साथ लेकर भिलाई में ही किराये के मकान में साथ रखे । विवाह के पश्चात लगभग 02 माह के बाद मेरे पति अपनी बहन गायत्री खुटिया और उसकी एक सहेली चंचल खुटिया को भी बुला लिये और साथ रखे। लगभग 02 माह तक सब ठीक रहा इसके बाद अचानक मेरे पति के आचरण एवं व्यवहार में परिर्वतन आ गया और दाम्पत्य जीवन में विमुख होने लगे किन्तु मैं सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वो को निर्वहन करते हुए दाम्पत्य जीवन सुखमय बना रहे, लगातार प्रयास करती रही। मेरे पति छोटी-छोटी बातो पर नाराज हो जाते थे तथा मैं उन्हे हमेशा समझाने का प्रयास करती किन्तु वे साथ नहीं रहना चाहते थे और दाम्पत्य को भी खंडित करने का प्रयास करने लगे। मेरे पति मुझसे लगातार मेरे मायके जाने की सलाह देते किन्तु मैं अपने पति के साथ ही रहना चाहती थी इसलिए मायके आना नहीं चाहती थी किन्तु मेरे पति कोई न कोई बहाना कर मुझे भेजने का प्रयास करते। इसी बीच मैं सी.एम.ओ. की परीक्षा के लिए अपने मायके से आवेदन की थी और मेरा परीक्षा केन्द्र जशपुर मिला था। तब मुझसे बताये बिना मेरे पिता को फोन कर यह बोले कि मेरा स्वास्थ ठीक नहीं है इसलिए आकर मुझे जशपुर ले आऐ। इसके बाद मेरे पिता 25 अप्रेल 2019 को भिलाई पहुंचे और मुझसे पुछे कि मेरा स्वास्थ कैसा है तब मै अपने पिता को बताई कि मै बिलकुल स्वस्थ हूं आपको किसने कहा कि मेरा स्वास्थ खराब है। तब मेरे पिता ने बताया कि मेरे पति ने उन्हे फोन कर स्वास्थ खराब होने की जानकारी दी थी। इस संबंध में मैं अपने पति से सवांद स्थापित किया तो वे बोले कि तुम्हे परीक्षा लिखने जाना है इसलिए झूठ बोलकर तुम्हारे पिताजी को बुलाया हूं। उक्त संवाद पर मैने असहमति प्रगट कर यह कहा कि आपको ऐसा नही करना चाहिए था तब मेरे पति नाराज हो गये और बोले कि कुछ दिन के लिए मायके जाओ फिर मैं ले आउगां । मेरे पिता से मै संकोच वश कोई बात नहीं बताई और पिता के साथ ही 27 अप्रेल 2019 को अपने मायके आ गई और मेरे मायके पहुचने पर सवेरे फोन कर सिर्फ यह पुछे कि मै मायके पहुंची या नहीं इसके बाद आज पर्यन्त तक कोई भी बात नहीं हुई है। मै विवाह के बाद लगभग 01 वर्ष तक अपने पति के साथ रही और जब मै मायके आई हुं उसके बाद मेरे पति मेरा तथा मेरे परिवार वालो का फोन उठाना बंद कर दिये है और मेरे मोबाईल नम्बर को ब्लाक कर दिये हैं। मै लगभग 05 महिनो से अपने मायके में ही निवास कर रही हूं इस बीच मेरे पिता एवं अन्य परिजन लगातार मेरे पति से सवांद स्थापित करने का प्रयास किये और मेरे पति द्वारा किये जा रहे इस बरताव के संबंध में भी जानकारी लेने की कोशिश किये किन्तु सब विफल हो गया । इसी क्रम में मेरे पिता एवं अन्य परिजन मेरे ससुराल जाकर भी उपरोक्त परिस्थितियो के संबंध में भी चर्चा किये तो मेरे ससुर यह बोले कि 4-5 दिनो के भीतर मुझे बुला लेगें किन्तु वे लोग आज दिनांक तक किसी प्रकार का कोई पहल नही किये। इसके बाद मेरे पिता के निवेदन पर उनके मित्र जो महाकुल समाज के भी सदस्य है वे भी 20 सितम्बर 2019 को मेरे पति से मिलने भिलाई पहुंचे और मुझे बुलाने और साथ रखने का निवेदन किये तब भी मेरे पति इन लोगो के साथ उचित व्यवहार नही किये और शाम तक बता देने का बहाना कर उन्हे अपने घर से भेज दिये। उक्त घटना की जानकारी मेरे पिता के महाकुल समाज के पदाधिकारीयों ने दुरभाष पर मेरे ससुर को दिया तब मेरे ससुर ने यह कहा कि इनलोगो को मेरे बेटे के पास नही जाना चाहिए था क्योकि वह मुझे नहीं रखना चाहता है और यह रिश्ता अब किसी भी स्थिति में टिक नही सकता इसलिए इस संबंध में अब कोई भी बात चीत भविष्य में करना व्यर्थ है। तब मेरे पिता एवं अन्य परिजन भी मेरे ससुराल पक्ष वालो से इस संबंध में बातचीत करने की कोशिश किये किन्तु सकारात्मक परिणाम नही आया और मेरे ससुर यह कहकर पुरी बात खत्म कर देते है कि अब सिर्फ उनका लड़का अर्थात मेरे पति ही जानेगें जिसे सुनकर मै अत्यंत ही मानसिक एवं शारिरिक रूप से आहत हुई हूं। मेरे पति मेरा परित्याग कर अलग रह रहे है और मुझे बिना किसी कारण के परित्यक्त अवस्था में रखने पर मजबुर कर दिये है। अब देखना हो पत्थलगांव पुलिस कब तक दहेज के लोभी पिता-पुत्र को सलाखो के पिछे भेजने मे कामयाब होती है।