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नई औद्योगिक नीति जिले के उद्यमियों के लिए लाभकारी, कृषि उद्यानिकी एवं वन आधारित उद्योग की जिले मे प्रबल संभावना

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संतोष गुप्ता, जशपुर। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग तथा जिला उद्योग व्यापार केंद्र जशपुर के संयुक्त तत्वाधान में जिला पंचायत सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ में आद्यौगिक विकास विषय पर एक दिवसीय कार्य शाला का आयोजन उद्योग विभाग के संयुक्त संचालक संजय सिन्हा, डिप्टी कलेक्टर आर.एन. पाण्डेय एवं चेतन साहू की विशेष मौजूदगी में हुआ। उद्यमियों, नए उद्यमियो, कृषकों तथा रोजगार व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को उद्यम के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए संयुक्त संचालक श्री सिन्हा ने छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
श्री सिन्हा ने कहा कि नई औद्योगिक नीति, जशपुर जिले के उद्यमियों के लिए ज्यादा लाभदायक है। औद्योगिक नीति में किए गए प्रावधान के अनुसार जशपुर जिले के उद्यमियों को स्थाई पूंजी निवेश, ब्याज अनुदान, मार्जिन मनी अनुदान,स्टांप ड्यूटी से छूट, विद्युत शुल्क से छूट का अन्य जिलों के उद्यमियों से ज्यादा फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि अन्य जिलों के उद्यमी यदि नया उद्योग/व्यवसाय शुरू करते हैं, तो उन्हें स्थाई पूंजी निवेश 30 प्रतिशत् मिलेगा, जबकि जशपुर जिले के लिए 40 प्रतिशत् का प्रावधान है। उन्होंने इस मौके पर मौजूद उद्यमियों कृषकों एवं तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं से फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना, कृषि एवं वन आधारित उद्योग लगाए जाने का आह्वान किया और कहा कि जशपुर जिले में इसकी अच्छी संभावना है। कार्यशाला में रायपुर से विषय विशेषज्ञ प्रवीण एवं शाहबाज जाफर ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से औद्योगिक नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी कार्यशाला में लोगों के प्रश्नों एवं शंकाओं का भी समाधान किया गया। कार्यशाला में वन विभाग के एसडीओ एस के गुप्ता ने बताया कि जशपुर जिले में लघु वनोपज जैसे हर्रा, लाख, साल बीज, करंज बीज, चिरौंजी के साथ ही कटहल का वृहद पैमाने पर उत्पादन होता है। इनके प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना कर लाभांश और रोजगारसृजत किया जा सकता है। कार्यशाला में महाप्रबंधक उद्योग सी आर टेकाम ने बताया कि जिले के 6 ब्लाॅकों में फूड पार्क के लिए भूमि का आबंटन जिला प्रशासन किया जा चुका है। यहां उद्यमियों को 1 रुपए प्रीमियम पर 1 एकड़ भूमि उद्योग के लिए प्रदाय की जाएगी। उन्होंनं यह भी बताया कि यदि कोई उद्यमी नई टेक्नोलाॅजी पर आधारित उद्योग की स्थापना करता है, उस टेक्नोलाॅजी को अपनाने पर व्यय राशि का 50 प्रतिशत् शासन की ओर से दिया जाएगा। इसी तरह उद्यमियों को प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए भी व्यय राशि का 50 से 80 प्रतिशत् तक की राशि रिफंड किए जाने का प्रावधान है। कार्यशाला में कृषि, उद्यानिकी, रेशम, मछली पालन, वन, सहित अन्य विभागों के अधिकारी पाॅलिटेक्निक एवं लाइवलीहुड काॅलेज के विद्यार्थी उपस्थित थे।

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