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राज्य सरकार अब महुआ फूल 30 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का लिया निर्णय, पहले 17 रूपये प्रति किलो था निर्धारित, वन मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को दी जानकारी

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रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोरोना संकट के दौरान लॉक डाउन में जीवन और जीवकोपार्जन में संतुलन को ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है। वनांचल क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों में काम शुरू किया गया है। वनमंत्री ने बताया कि वन क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिलाने के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। राज्य में 13 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों को लगभग 650 करोड़ रूपए की राशि संग्रहण के लिए भुगतान की जाएगी। श्री अकबर आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
एक प्रश्न के उत्तर में वन मंत्री ने बताया कि राज्य में अभी 23 लघु वनोपजों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इसमें महुआ फूल की खरीदी 17 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर की जा रही थी, जिसे बढ़ाकर राज्य सरकार द्वारा लघु वनोपजों के संग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए 30 रूपए प्रति किलोग्राम कर दिया गया है। किसी व्यवसायी द्वारा इन लघु वनोपजों के निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक के दर पर खरीदी
की जाने पर संग्राहकों को उनके स्वैच्छा से बिक्री करने के लिए छूट भी प्रदान कर दी गई है। इस तरह संग्राहक अपने वनोपज को अधिक दर पर विक्रय करने के लिए स्वतंत्र है।
उन्होंने लॉकडाउन की अवधि में प्रदेश में लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव तथा राहत पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा लिए गए कई अहम फैसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
श्री अकबर ने कहा कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संचालित की जा रही महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव योजना के अंतर्गत प्रदेश के वन क्षेत्रों में 7 हजार 887 संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से 324 ग्रामों में आवर्ती चराई योजना के तहत गौठान का निर्माण कराया जा रहा है। इन कार्यो में अब तक 8 हजार से अधिक ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। इसीप्रकार वनांचल क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा और भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जल संरक्षण और संवर्धन कार्य भी शुरू किए गए हैं। नदी नालों को उपचारित करने के लिए एक हजार 142 स्टापडेम चेकडेम आदि संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों में लगभग 8 हजार जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इन पर 160 करोड़ रूप्ए की राशि व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि कैम्पा मद में नालों के निर्माण कार्यो का जियो टेगिंग किया जा रहा है। वनों की सुरक्षा के लिए वर्तमान में 59 वनपरिक्षेत्र अधिकारियों और 300 गार्डो की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
श्री अकबर ने चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन तथा योजना प्राधिकरण (कैम्पा) की जमा मद योजना के अंतर्गत 300 करोड़ रूपए की राशि कोविड-19 से निपटने व्यय के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने की भी जानकारी दी। केन्द्र से अनुमति मिलने के पश्चात राशि का उपयोग वनांचल में ग्रामीणों के स्क्रीनिंग टेस्ट, पी.पी.ई. किट, क्वारेंटाईन तथा आईसोलेशन आदि में किया जाएगा।

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