नारायणपुर। नारायणपुर के पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना योद्धा होने की एक संवेदनशील और सराहनीय मिसाल पेश की है। इन योद्धाओं ने चार विक्षिप्त व्यक्तियों को सहारा देकर उनको उपचार के लिए बिलासपुर में सेंदरी के मानसिक अस्पताल भेजा।
नारायणपुर शहर में कई सालों से चार विक्षिप्त व्यक्ति घूमा करते थे जिन्हें आस पास के गाँव के लोग रोजाना भोजन देते थे। दिन भर इधर उधर घूमने के बाद वह रात में कहीं भी सो जाते थे। लेकिन 25 मार्च को लॉक डाउन से साथ ही इन्हें खाना मिलना भी बंद हो गया और इनकी स्थिति बिगड़ने लगी। इसको देखकर, पुलिस विभाग के रक्षित निरीक्षक दीपक साव ने इन चारों को रोजाना खाना देना शुरू तो किया लेकिन इनकी साफ़ सफाई और रहने का कोई स्थान नहीं था और वह बिना नहाये ही घूमते फिरते रहते थे और कहीं भी सो जाते थे।
इनकी बिगडती हालत और कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए,पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के योद्धाओं ने आपस में बात-चीत करके नारायणपुर के जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर, डॉ प्रशांत गिरी, को इनके बारे में बताया।
“पिछले सप्ताह, दीपक साव के नेतृत्व में कोरोना योद्धाओं ने इन चारों को पूरे शहर में ढूंढा गया और पुलिस की गाड़ियों में ही लाइन लाया गया । यहाँ इनको नाश्ता दिया गया और उसके बाद चारों के बाल और नाखून कटवाए गए । इनको नहला कर और साफ़ वस्त्र पहनाकर तीन दिन वही रखा गया । जिला अस्पताल में इस तरह के रोगियों को रखने की सुविधा नहीं थी इसलिए इनको पुलिस लाइन में ही रखा गया।
इसके उपरान्त उन्हें जिले अस्पताल ले जाया गया जहाँ इनका परिक्षण और कोरोना टेस्ट किया गया।। संतोष की बात यह है सबकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है । डॉ गिरी, जो मानसिक स्वास्थय के जिला अधिकारी भी हैं, ने इनका निरीक्षण किया जिसमें इनकी मानसिक स्तिथी बहुत खराब पायी गयी। चारों का उपचार तो शुरू कर दिया गया लेकिन इन्हें कल रात को ही सेंदरी के मानसिक स्वास्थय अस्पताल भेजा गया जहाँ इनका उपचार अब विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है।
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