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राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विशेष, डेंगू से बचाव के लिए सप्‍ताह में एक दिन कूलर का पानी खाली कर मनाए ड्राई-डे

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रायपुर। प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया जाता है । परंतु इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस दिवस पर किसी प्रकार की जागरूकता रैली या सभा का आयोजन नहीं किया गया। इस वर्ष के राष्ट्रीय डेंगू दिवस -2020 का थीम- ‘‘इफेक्टिव कम्युनिटी इंगेजमेंट: की टू डेंगू कंट्रोल’’ रखी गयी है। बरसात शुरू होते ही मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू एवं चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों से फैलने वाले इन दोनों रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य के साथ जिला भी पूर्व से ही सतर्क रहता है।
दिल्ली की तर्ज पर डेंगू बचाव की अपील – राष्‍ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के रायपुर जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर विमल किशोर राय ने बताया दिल्ली की तर्ज पर राजधानी में भी डेंगू से बचाव के उपाय अपनाए जाएंगे। इसके तहत सप्ताह में एक दिन रविवार को ड्राई डे मनाने की अपील लोगों से की जाएगी ताकि इस दिन कूलर की सफाई कर उसका पानी लोग अवश्य बदलें जिससे कूलर के पानी में एडीज मच्छर ( डेंगू का मच्छर) न पनप सके । उन्होंने कहा जैसे दिल्ली सरकार ने सप्ताह में एक दिन कूलर सफाई की अपील लोगों से कर वहां डेंगू बीमारी पर काफी हद तक सफलता पाई है उसी तर्ज पर राजधानी में भी लोगों से एक दिन कूलर की सफाई यानि रविवार ड्राई डे की अपील की जाएगी।

मच्छरों से रहें सावधान
राष्‍ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर विमल किशोर राय ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है। एडिस मच्‍छर में ट्रांसओवेरियन ट्रांसमिशन होता है। जो मच्‍छर के अंडे में भी डेंगू के संक्रमण फैलाने के लिए नए मच्‍छर होते हैं। यह मच्छर सामान्यतः दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी और कूलर के पानी में पनपता है। इसलिए घरों में उपयोग किए जाने वाले कूलर को सप्‍ताह में एक दिन ड्राई-डे मनाते हुए कूलर का पानी पूरी तरह से बदल कर सावधानियां बरत सकते हैं।
डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है। इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगती है। वहीं चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक होती है। गंभीर स्थिति में यह 6 माह तक रह सकती है। डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं। इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द ,जी मचलाना एवं उल्टी होना ,आँख के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान , नाक, मसूढ़ों से रक्त स्त्राव ,काला मल का आना डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण होते हैं|

डेंगू का निदान
डेंगू का निदान रक्त परीक्षण की मदद से किया जाता है जो इसमें वायरस और एंटीबॉडी की जांच करने में मदद करता है। डॉ. विमल राय ने बताया बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है परहेज और संतुलित आहार लेकिन अगर बीमार हो गये तब भी खान-पान में ध्यान रखकर घातक परिणाम से बचा जा सकता है। खासकर डेंगू बुखार का इलाज सबसे महत्वपूर्ण होता है। डेंगू बुखार से संक्रमित लोगों को बहुत सारे तरल पदार्थ लेने और प्रमुखता से डॉक्टर से सहायता लेने के लिए कहा जाता है। ऐसी स्थिति में बिना देर लगाए , तुरंत नजदीकी अस्पताल जाना चाहिए। क्योंकि सावधानी रखकर ही बीमारी से बचा जा सकता है।

ऐसे करें बचाव
•घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें, कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें

•सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें

•पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें

•आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें। जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें

•खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें

•डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।

•टायर व पुराने बर्तन का पानी फेंक दें।

•पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फूलदान इत्‍यादि को प्रति सप्‍ताह खाली कर धूप में सुखाएं।

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