जशपुर। ग्रामीणो कि माने तो जशपुर जिले का एक नायब तहसीलदार कोविड-19 के लाक डाउन के दौरान ग्रामीणो पर जमकर कहर बरपाया है। शासकीय वाहन मे अपने साथ एक पटवारी को बैठाकर पटवारी से भी ग्रामीणो के उपर लाठी बरसवाया करता था , ओ भी बिना कोई दोष के। जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील के तमामुण्डा के ग्रामीण ने फरसाबहार तहसील के नायब तहसीलदार लक्ष्मण राम राठिया के खिलाफ मार-पीट का आरोप लगाते हुए फरसाबहार थाने मे शिकायत दर्ज कराई है। थाने मे शिकायत आवेदन देने के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नायब तहसीलदार के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।

पीड़ित दयानिधी यादव ने बताया कि वह बोरवेल एजेंट का काम करता है। बोरिंग गाड़ी लाकर क्षेत्र मे बोर खुदाई का काम कराता है। 11 जून को फरसाबहार के विरेन्द्र जायसवाल के घर मे दोकड़ा से बोरिंग गाड़ी लाकर बोर करा रहा था। शाम के 7 बजे के आस-पास
फरसाबहार तहसीलदार लक्ष्मण राठिया विरेन्द्र जायसवाल के घर के पास पहुंच गये और बोरिंग गाड़ी चलाने को लेकर गंदी-गंदी गालियां देने लगे। दयानिधि यादव ने बताया कि नायब तहसीलदार श्री राठिया बोरिंग गाड़ी का चाबी भी छिन लिये और इसी दौरान नायब तहसीलदार डंडे से जमकर पिटाई कर दी। दया निधि यादव ने बताया कि मारपीट के दौरान फरसाबहार थाना प्रभारी भी पहुंच गये थे। उन्हीं के सामने मार-पीट कि घटना घटी है। इस घटना के थाना प्रभारी जस्मदीद गवाह हैं। लाकडाउन के दौरान फरसाबहार नायब तहसीलदार अपने पद व पावर का जमकर दुरूपयोग किया है ऐसा कहना है, ग्रामीणो का। आपको बता दे लाकडाउन के दौरान फरसाबहार नायब तहसीलदार लक्ष्मण राठिया तपकरा के जे.के. फ्यूल्स मे काम करने वाले एक कर्मचारी को लगातार दो दिन पेट्रोल पंप आकर मार-पिटाई किये थे , जिसका सीसी टीवी फूटेज भी उपलब्ध है।
एसपी ने कहा मामले कि जांच कराता हूं : एसपी शंकरलाल बघेल ने दूरभाष
मे चर्चा के दौरान बताया कि इस मामले कि वे जांच करायेंगे।
थाना प्रभारी ने कहा है दयानिधि ने दिया है आवेदन :
फरसाबहार थाना प्रभारी प्रदीप सिदार ने बताया कि 11 जून को दयानिधि यादव के द्वारा फरसाबहार नायब तहसीलदार के खिलाफ थाने मे शिकायत आवेदन दिया गया है, अब तक जांच नहीं हो पाई है।
अधिकारियो के खिलाफ आसानी से नहीं होता एफ.आई.आर. दर्ज
एक सामान्य नागरिक जब किसी के साथ मारपीट कि घटना को अंजाम दे या अन्य कोई मामला हो तो उसके खिलाफ थाने मे तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज कर ली जाती है लेकिन जब कोई पुलिस वाला किसी को बिना गलती के पिटता है या कोई प्रशासनिक अधिकारी मारपीट की घटना को अंजाम देता है तो ऐसे अधिकारियो के खिलाफ थाने मे एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होती है। दयानिधि वाले मामले मे भी ऐसा हो रहा है। अब देखना होगा फरसाबहार पुलिस जांच के बाद सही पाये जाने पर क्या नायब तहसीलदार के खिलाफ मारपीट के धाराओ के तहत अपराध पंजीबद्ध करेगी।