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कलेक्टर ने सखी वन स्टॉप सेंटर का किया औचक निरीक्षण, कार्यालय में अनुपस्थित कम्प्यूटर ऑपरेटर को नोटिस जारी करने के निर्देश

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जशपुर। कलेक्टर महादेव कावरे ने आज महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर, शासकीय बाल संप्रेषण गृह, बालिका संप्रेषण गृह, बालक आश्रम गृह और बच्चों का दत्तक गृह का आकस्मिक निरीक्षण कर बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी के.एस.मण्डावी, महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा, जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुश्री विस्मिता पाटले एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने बच्चों से परिचय प्राप्त किया और बाल संप्रेषण गृह में बच्चों से भोजन, नास्ता समय पर मिलता है कि नहीं इस संबंध में जानकारी ली। उन्होंने जिला बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रशेखर यादव को निर्देशित करते हुए कहा कि बाल संप्रेषण गृह में किसी भी बच्चे को कोई समस्या न होने पाए इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बच्चों से उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। बालक-बालिका से प्रश्न पुछकर उनकी बौद्धिक क्षमताओं का भी आंकलन किया और बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कक्षा में प्रवेश दिलाए, ऐसे बच्चे जो पढ़ाई छोड़ चुके है, उनको ओपन परीक्षा से फार्म भरवाकर परीक्षा में बैठाने के निर्देश दिए है। साथ ही बच्चों को पौष्टिक आहार में दूध अण्डा, हरी सब्जी भी देने के निर्देश दिए है।
बाल संप्रेषण गृह में दी जाने वाले मेनू के बारे में भी जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सखी वनस्टॉप सेंटर के उपस्थिति पंजी का अवलोकन किया और जिला महिला बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री सीखा वर्मा से जानकारी ली। कम्प्यूटर ऑपरेटर भावेश दिवाकर के बिना अनुमति कार्यालय में अनुपस्थित होने के कारण कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की और नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। निरीक्षण के दौरान आश्रय गृह बालिका और बच्चों के दत्तक गृह का भी अवलोकन करके नन्हें बच्चों से मुलाकत करके उन्हें दुलार किया। जशपुर जिले में 5 बाल संप्रेषण गृह हैं। एक शासकीय संप्रेषण गृह बालक, एनजीओं के द्वारा संचालित बालक एक, बालिका एक, ओपन आश्रय गृह बालिका और एक दत्तक गृह शामिल है। सखी वन स्टॉप सेंटर जशपुर में 50 सीटर है जहां 2 महिलाओं को रखा गया है। सखी वन स्टॉप सेंटर जशपुर में कुल 788 प्रकरणों में से 684 निराकृत है, लंबित प्रकरणों की संख्या 104 है। जहां महिलाओं को घरेलू हिंसा, मानव तस्करी, दहेज प्रताड़ना, मानसिक प्रताड़ना आदि अन्य प्रताड़ित महिलाओं को रखा जाता है और उन्हें महिला बाल विकास विभाग द्वारा, पुलिस, चिकित्सा, विधिक सहायता एवं परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। बालिका गृह में 21 बालिका, शासकीय बालक संप्रेषण गृह में 23 बालक को रखा गया है। ओपन हाउस आश्रय गृह बलिका में 4, दत्तक गृह में 9 नन्हें बच्चों को रखा गया है जिनमें 3 बालिका और 6 बालक शामिल है। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान बाल संप्रेषण गृह का स्टोर रूम, राशन भण्डारण कक्ष, रसाई कक्ष का भी अवलोकन किया और बच्चों को दी जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की। उन्होंने बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के निर्देश दिए।

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