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पांच माह बाद ही सही हत्या के आरोपियो को अंतत: जाना पड़ा जेल, एक आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से दूर, पढिये हत्या की पूरी कहानी

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जशपुर । पांच माह बाद ही सही हत्या के आरोपियो को अंतत: जेल जाना पड़ा। लेकिन एक आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। हत्या के पांच माह बाद जशपुर पुलिस हत्या के आरोपियो को गिरफ्तार कर सलाखो के पिछे भेजने मे सफलता अर्जित की है। 17 मार्च 2020 को प्रार्थिया श्रीमती शांति बाई के निवासी नीमगांव, सिटी कोतवाली जशपुर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि 16 मार्च 2020 को शाम करीब 7:00 बजे इसके पति जतरु राम घर के आंगन तरफ शौच करने निकले थे उसके 10 मिनट बाद प्रार्थिया को आंगन तरफ मारने पीटने की आवाज सुनाई दी तो आंगन तरफ दौड़ कर निकली तो देखी कि उसके पति जमीन पर गिरे पड़े हैं और आंगन तरफ से चार अज्ञात लोग दौड़ कर भागने लगे और प्रार्थिया व उसके ससुर बंधु राम ने जतरु राम को आंगन में गिरा पड़ा देखा जिसके सिर जबड़ा और आंख के पास गंभीर चोट थी। वह बेहोश पड़ा था बात नहीं कर पा रहा था। तब वह घटना के बारे में गांव के सरपंच मुलिता बाई को बताई और 108 एंबुलेंस को फोन करके अपने पति को इलाज के लिए जिला अस्पताल जशपुर लाए जहां इलाज के दौरान जतरु राम की मौत हो गई । रिपोर्ट पर थाना जशपुर में अपराध क्रमांक 79/20 धारा 302 भा. द. वी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ,अपराध विवेचना के दौरान पुलिस को शंका हुई कि, मृतक का अपने चाचा एतवा राम निवासी ग्राम पैकु से जमीन विवाद चल रहा था, उन्हीं के द्वारा हत्या कराई गई होगी । प्रकरण के अज्ञात आरोपियों की लगातार पता साजी की जा रही थी एवं एतवा राम तथा उसके परिवार वालों से लगातार पूछताछ की जा रही थी किंतु एतवा राम के परिवार वाले पुलिस को गुमराह करते रहे अंततः आरोपियों द्वारा किए गए मोबाइल फोन के अध्ययन करने के पश्चात एतवा राम के दामाद हीरा लाल से कड़ाई से पूछताछ करनें पर उसने बताया कि उसके ससुर का जमीन विवाद मृतक जतरु राम से काफी पुराने समय से चल रहा था और करीब साल भर पहले उसके साले की बीमारी से मौत हो गई थी जिस पर एतवा राम के पूरे परिवार वालों को शक था कि मृतक ने ही जादू टोना कर एतवा राम के बेटे को मार दिया था । इसी कारण उसकी डेड़ सास राधाबाई और साडू महेंद्र राम के भाई सुरेंद्र के साथ मिलकर जतरु राम की हत्या करने की योजना बनाएं। इसके लिये हीरालाल और राधा बाई पैसे की व्यवस्था करने को तैयार हुए और सुरेंद्र घटना के लिए आदमी ढूंढने की जिम्मेदारी लिया , सुरेन्द्र राम ने फरवरी महीने में अपने दोस्त रंजीत खलखो निवासी पोरतेंगा एवं देव नारायण यादव निवासी मिर्ची पाठ झारखंड के साथ मिलकर जतरु राम को मारने की योजना बनाने लगा और घटना दिनांक 16 मार्च 2020 को सुरेंद्र राम दोस्त देवनारायण यादव व रंजीत खलखो को अपनी मोटरसाइकिल में बैठाकर जशपुर शराब भट्ठी ले गया था। शराब पीने के बाद तीनों नीमगांव गए, और रात करीब 7.45 बजे जतरु राम के घर पहुंचे, उस समय जतरु राम घर सेें बाहर निकला हुआ था। उसे अकेला देखते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर उस पर लगातार लकड़ी के डंडे से वार कर दिया जिससे जतरु राम गिरकर बेहोश हो गया था जिसे इलाज हेतु जिला अस्पताल जशपुर लाए थे, जहां उसकी मृत्यु हो गई हीरालाल के अपराध स्वीकार करने के पश्चात आरोपियों की तलाश करते हुए अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया गया, रंजीत खलखो, हीरालाल यादव ने अपना अपराध स्वीकार किया और आरोपी सुरेन्द्र राम घटना के बाद से फरार है, जिसकी तलाश हेतु पुलिस टीम रवाना हुई है, घटना के आरोपियों गिरफ्तार करने के पश्चात उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल सिम बरामद कर लिया गया है ,आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी निरी. लक्ष्मण सिंह ध्रुवे,, स.उ.नि. नसरुददिन अंसारी, सायबर सेल प्रभारी स.उ.नि. मनोज हनोतिया, आरक्षक शोभनाथ सिंह,पवन पैंकरा, लेबिट कुजूर आदि का सराहनीय योगदान रहा है।

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