जशपुर । छत्तीसगढ के जशपुर जिले मे एक निरमोही मां ने अपने आठ माह के दूध मूहे अबोध बच्चे की हत्या कर नाले के पानी मे बहा दिया। पुलिस के पूछ-ताछ मे आरोपिया ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया जिसके बाद पुलिस ने विधिवत गिरफ्तार करने के बाद आरोपिया को न्यायालय मे पेश किया था जहां न्यायालय के आदेश पर आज पुलिस ने कलयुग की कुमाता को सलाखो के पिछे पहुंचा दिया है।
इस माह के 07 तारीख को आरोपिया श्रीमती सुधा कुजूर, निवासी जबला, थाना जशपुर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने बच्चे रोहित राम उम्र 08 माह को लेकर अपने मायके जकबा जाने पैदल निकली थी, इसी दौरान सारुडीह पनचक्की के पास 10.00 बजे दिन मे बच्चे के द्वारा मल मूत्र त्याग कर देने पर पनचक्की नाला में धोने के लिए गई थी जहां बच्चा हाथ से छूटकर पानी में बह गया और डूब कर उसकी मृत्यु हो गई। रिपोर्ट पर थाना जशपुर में मर्ग कायम कर जांच पंचनामा कर शव का पीएम कराया गया था। डॉक्टर के द्वारा मृतक बालक रोनित राम की मौत सिर में आई चोट के कारण होना तथा पानी में डूबने से पहले ही मौत हो जाना बताया गया एवं बच्चे को किसी ठोस सतह से पटकने से सिर में फैक्चर की संभावना व्यक्त किया गया। जिस पर घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर बालाजी राव के निर्देशन में एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जशपुर राजेन्द्र सिंह परिहार के मार्गदर्शन में मृतक बालक की मां श्रीमती सुधा कुजूर पति रविंद्र कुजूर उम्र 20 वर्ष निवासी जबला जिला जशपुर के विरुद्ध अपने बच्चे की हत्या करना पाए जाने से आरोपिया के विरुद्ध थाना जशपुर में अपराध क्रमांक 195 / 2020 धारा 302, 201 भादवि कायम कर विवेचना मे लिया गया। इस बीच आरोपिया को हिरासत में लेकर कथन लिया गया। इस दौरान आरोपिया स्वीकार की कि 6 सितम्बर को घर में सास ससुर से विवाद होने व परिवार से अलग रहने की बात को लेकर झगड़ा हुआ जिस पर गुस्से में आकर अपने बच्चे रोनित राम को घर में पटक दी थी जिससे सिर में चोट आया था जो दूसरे दिन विवाद के कारण अपने मायके पैदल जाते समय सारुडीह, पनचक्की के पास अपने बच्चे का मुंह नाक को गमछे से दबा दी, जिससे सांस रुक गया, तब बच्चे को पानी में फेंक कर अपने मायके चली गई। आरोपिया को आज गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है। अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने एवं उक्त आरोपिया को पकड़ने में थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण सिंह धुर्वे,ए.एस.आई जोशिक कुर्रे, हीरा लाल बाघव, प्रधान आरक्षक मनोज सिंह,कृपा सिंधु तिग्गा एवं आरक्षक शोभनाथ सिंह, पवन कुमार पैंकरा, रामबरन साय,महिला आरक्षक अल्पना खेस का सराहनीय योगदान रहा ।