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जशपुर जिले मे डायवर्सन, बटांकन, सीमांकन, लंबित प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता से करने के निर्देश, 31 अक्टूबर तक नए किसान धान खरीदी के लिए करा सकते है पंजीयन

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जशपुर । कलेक्टर महादेव कावरे ने आज कलेक्टर सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को जिले में गिरदावरी कार्य का बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी और आगे भी इसी तरह कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। समीक्षा के दौरान उन्होंने कोर्ट के लंबित प्रकरण, डायवर्सन, बटांकन, सीमांकन, भू-राजस्व वसूली, वन अधिकार पत्र, किसान पंजीयन, ई-कोर्ट, साप्ताहिक समय-सीमा के लंबित प्रकरणों की एक-एक करके जानकारी ली और अधिकारियों को प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नए किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से कराना है। ग्राम पंचायतों में किसानों को अवगत कराने के लिए कोटवारों के माध्यम से मुनादी करवाए ताकि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न होने पाए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर आई. एल. ठाकुर, बगीचा एसडीएम रोहित व्यास , डिप्टी कलेक्टर आर.एन.पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर नान साय भगत, जशपुर एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी, पत्थलगांव एसडीएम योगेन्द्र श्रीवास, कुनकुरी एसडीएम रवि राही, फरसाबहार एसडीएम चेतन साहू उपस्थित थे।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने नगरीय नजूल क्षेत्र के लंबित प्रकरण का निराकरण करने के लिए कहा है। साथ ही नगरीय क्षेत्र के आबादी और घासमद वाले प्रकरण को नजूल भूमि घोषित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर जानकारी भेजने के निर्देश दिए है। उन्होंने डायवर्सन के प्रकरणों में अक्टूबर तक प्रगति लाने के लिए कहा है। भू-राजस्व की वसूली भी गंभीरता से करने के निर्देश दिए है। उन्होंने जिले में सामुदायिक वन अधिकार पत्र, व्यक्तिगत वन अधिकारी पत्र और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र जिले में वितरण की स्थिति कम है उसे बढ़ाने की आवश्यकता बताई। राजस्व अधिकारी एवं वन विभाग के अधिकारियों को ग्राम सभा के माध्यम से प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है ताकि अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र से लाभांवित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे वन अधिकार पत्र जो निरस्त हो चुके है उनको जिला स्तर पर भेजे ताकि पुनः परीक्षण करके पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र दिया जा सके। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को ई-कोर्ट के प्रकरणों का भी निराकरण प्राथमिकता से करने के लिए कहा है और नए उचित मूल्य दुकानों के लिए प्रक्रिया को पूर्ण निर्देश दिए है।

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