Home राष्ट्रीय हर विपरीत स्थिति के लिए रहें तैयार, लद्दाख में बढ़ाएं सैनिक, सीडीएस...

हर विपरीत स्थिति के लिए रहें तैयार, लद्दाख में बढ़ाएं सैनिक, सीडीएस रावत का तीनों सेनाओं को साफ संदेश

38
0
4 (1)
3 (2)
2 (1)
1 (1)
8 (1)
7 (1)
6 (1)
5 (1)
12 (1)
11 (1)
10 (1)
9 (1)
16 (1)
15 (1)
14 (1)
13 (1)
20 (1)
19 (1)
18 (1)
17 (1)
24
23
22
21
28
27
26
25
32
31
30
29
36
35
34
33
40
39
38
37
4 (1) 3 (2) 2 (1) 1 (1) 8 (1) 7 (1) 6 (1) 5 (1) 12 (1) 11 (1) 10 (1) 9 (1) 16 (1) 15 (1) 14 (1) 13 (1) 20 (1) 19 (1) 18 (1) 17 (1) 24 23 22 21 28 27 26 25 32 31 30 29 36 35 34 33 40 39 38 37

नई दिल्ली। ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से लद्दाख बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के लिए दीया जलाने की अपील की है वहीं, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को सैनिकों की तैनाती करने के साथ-साथ किसी भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है। नेवी के समुद्री कमांडो को पूर्वी लद्दाख में तैनात करने के लिए कहा गया है, जहां भारतीय सेना की गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में पैंगोंग टागन झील के दोनों किनारे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। भारतीय विशेष बलों के साथ एमएआरसीओएस को तैनात किया जाएगा, जो ध्रुवीय रेगिस्तान में भी भारी बार्फबारी और कड़ाके की ठंड का सामना कर सके।
तैनात सैनिक ध्रुवीय सर्दियों के कपड़ों और मास्क के अंतिम शिपमेंट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो कि नवंबर के पहले सप्ताह तक अमेरिकी सेना से आने की उम्मीद है। पीएलए की तरह ही, भारतीय सेना एलएसी पर लंबे समय तक के लिए मोर्चा संभालने के लिए तैयार है। सेना एक इंच जमीन को भी छोडऩे के मूड में नहीं है। पीएलए ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक जैमर तैनात कर दिए हैं और शिनजियांग और तिब्बत दोनों में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और भंडारण क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।
वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के अनुसार, जनरल रावत ने तीनों सेवाओं के लिए यह स्पष्ट कर दिया है कि लद्दाख में 1597 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ तैनात सैनिकों, तोपखाने और टैंकों के साथ सामान्य समय नहीं हैं। उन्होंने कहा, पूर्वी लद्दाख में स्थिति किसी भी समय बदतर हो सकती है। सशस्त्र बलों को किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता है कि एक तरफ पूरी उत्तरी सेना कमान और पश्चिमी वायु कमान बर्फ में तैनात है, हममें से बाकी लोग त्योहार मना रहे हैं और गोल्फ खेल रहे हैं। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि लद्दाख में युद्ध चल रहा है। भारतीय नौसेना को अफ्रीका के तट से दूर पीएलए नौसेना की तैनाती के बारे में चिंतित होने के बजाय हिंद महासागर में चीनी युद्धपोत गतिविधि की निगरानी करने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है। लक्षद्वीप और एएनसी के भारतीय द्वीप क्षेत्र राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा की कुंजी हैं क्योंकि वे फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग लेन पर हावी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here