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जशपुर में तीरंदाजी अकादमी, सन्ना में अस्पताल और कोतबा में उद्यानिकी काॅलेज खोलने की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

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जशपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जशपुरनगर में आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिले को पिछड़ेपन से उबारने की शुरूआत हो चुकी है। आज यहां करीब 800 करोड़ रुपए की लागत से हुआ विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण और शिलान्यास इस दिशा में तेज कदम है। आवागमन, सिंचाई की सुविधा और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए क्षेत्र में काफी काम करने की जरूरत है। जिले के विभिन्न गांवों में करीब 200 नए विकास कार्यों से समूचे क्षेत्र के विकास को नई गति और दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने जशपुर के रणजीता स्टेडियम में आयोजित आम सभा में सन्ना में अस्पताल, कोतबा में उद्यानिकी काॅलेज, जशपुर में तीरंदाजी अकादमी, जशपुर और सन्ना के बीच 9 किलोमीटर सड़क निर्माण, ईब नदी पर पुल निर्माण, बगीचा अस्पताल के संधारण और मुक्तिधाम के लिए 40 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में 30 किलोमीटर सड़क उन्नयन की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आमसभा में कहा कि लोगों की आर्थिक मजबूती के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। गांवों को सम्पन्न बनाने के लिए गौठान निर्माण, चारागाह विकास, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण और पशुपालकों से गोबर खरीदी जैसे काम किए जा रहे हैं। नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम भी इसमें मदद कर रही है। किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को उनसे खरीदे प्रति क्विंटल धान के लिए 2500 रुपए दिए जा रहे है। वन अधिकार कानून के तहत् पात्र लोगों को व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा देने के साथ-साथ वनांचलों में सामूहिक पट्टे भी दिए जा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने तेन्दूपत्ता संग्राहकों से 4000 रुपए प्रति मानक बोरी की दर से तेन्दूपत्ता खरीदा जा रहा है। उनके द्वारा संग्रहित वनोपजों का सही दाम दिलाने के साथ ही 31 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से देश और दुनिया आर्थिक मंदी से जूझ रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ इससे अप्रभावित है। सरकार ने धान खरीदी, वनोपज खरीदी, गोबर खरीदी, तेन्दूपत्ता खरीदी, बिजली बिल में छूट और मनरेगा के माध्यम से व्यापक स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराकर लोगों की जेब में लगातार पैसे डाले हैं। इससे प्रदेश में व्यापार-व्यवसाय को भी अच्छी गति मिली है। उन्होंने कहा कि जशपुर में पर्यटन के विकास की बहुत संभावनाएं है। जिले को इस दृष्टि से भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन ने वन विभाग को निर्देश दिए है कि वे वनो में साल के बजाय फलदार पौधे लगाएं। इससे वहां रहने वाले लोगों की आय बढ़ेगी। खाद्य प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से फलों का मूल्य संवर्धन कर आमदनी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी 8 विकासखंडो में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए जमीन चिन्हांकित कर ली गई है।

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