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छत्तीसगढ़ में महिलाओं की भागीदारी देश के कई हिस्सों से बेहतर, महिला दिवस पर छत्तीसगढ़ पुलिस के कार्यक्रम ‘‘अभिव्यक्ति’’ में उल्लेखनीय योगदान पर महिलाओं को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

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रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज महिला दिवस के अवसर पर साईंस कॉलेज परिसर स्थित ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित अभिव्यक्ति कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर श्री बघेल द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आधी आबादी को सम्मानित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। यदि महिलाएं कमजोर होती हैं तो समाज आगे नहीं बढ़ पाता है। आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं हैं, महिलाएं आटो-रिक्शा से लेकर फाइटर प्लेन तक उड़ा रही हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र में तैनात दंतेश्वरी फाइटर्स में महिलाएं बहादुरी से कार्य कर रही हैं और इन्होंने नक्सलियों के कई कैम्प ध्वरत किए हैं। आज किसी भी परीक्षा का परिणाम आता है, तो मेरिट में सबसे ऊपर महिलाएं ही होती हैं। यदि लोकतंत्र की बात करें तो छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति देश के कई प्रदेशों से बेहतर है। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में सर्वाधिक महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। महिलाओं को अभिव्यक्ति का अधिकार मिलना चाहिए। हम लोगों को घर में अपने बेटों को सिखाना चाहिए कि महिलाओं के प्रति कैसा व्यववहार करना है ? आज महिलाओं को भी उनके साथ हो रहे अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठाना जरूरी हो गया है। यदि आप बर्दाश्त करती रहेंगी तो अपराधियों के हौसले बढ़ेंगे। छत्तीसगढ़ में कौशिल्या माता, शबरी माता, बिलासा बाई, मिनीमाता, फुलबासन यादव, तीजनबाई आदि महिलाओं ने राज्य का मान बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्यशैली ने विगत दो वर्षों में लोगों के मन में छवि बदली है। अब लोग पुलिस से डरते नहीं, बल्कि पुलिस पर विश्वास करने लगे हैं। जहां स्पंदन कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान तनाव मुक्त हो रहे हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण हो रहा है, वहीं समाधान कार्यक्रम के जरिए लोगों की शिकायतें त्वरित गति से निपटाई जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत महिला पुलिस कर्मियों ने भी उल्लेखनीय कार्य किया है। आज विभिन्न क्षेत्रोें की महिलाओं को सम्मानित करके हम स्वयं सम्मानित महसूस कर रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्मारिका और नववर्ष कैलेंडर का भी विमोचन किया। नववर्ष कैलेंडर में प्रत्येक पेज पर महिला अपराध और उनके निवारण के लिए कानून की जानकारी प्रदान की गई है।
कार्यक्रम में महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि विगत दो वर्षों में पुलिस विभाग ने बेहतरीन कार्य किए हैं। स्पंदन, समाधान कार्यक्रमों के माध्यम से पीडि़तों को त्वरित न्याय मिल रहा है। महिला आयोग और पुलिस विभाग सामंजस्य के साथ काम करेंगे तो और बेहतर परिणाम मिलेंगे। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि महिला दिवस जैसी भावना हमें वर्ष भर रखनी चाहिए यही महिलाओं के प्रति सच्चा सम्मान होगा।
महिला विरूद्ध अपराधों की शिकायत के लिए जारी होगा वाट्सअप्प नंबर :
कार्यक्रम में डीजीपी डी.एम. अवस्थी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस शीघ्र ही महिला विरूद्ध अपराधों की शिकायत के लिए वाट्सअप्प नंबर जारी करने जा रही है, जिसमें पीडि़त महिलाएं शिकायत कर सकेंगी। पुलिस मुख्यालय इन शिकायतों के निराकरण के लिए महिला अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी। श्री अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश अनुसार महिला विरूद्ध अपराधों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इसी का परिणाम है कि मात्र 21 दिन में दुष्कर्म के मामले में अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हमारी कोशिश है कि महिला विरूद्ध अपराध के जितने भी प्रकरण हैं, सभी में शीघ्र दोषियों को सजा दिलाई जा सके। महिलाओ के लिए अभिव्यक्ति कार्यक्रम लगातार 7 दिन तक चलेगा। सभी 28 जिलों में महिलाओं को उनकी सुरक्षा और कानून में प्रदत्त अधिकारों के प्रति सजगता की जानकारी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम में स्पेशल डीजी श्री आर.के. विज, अशोक जुनेजा, एडीजी हिमांशु गुप्ता, आई.जी. डॉ. आनंद छाबड़ा, डीआईजी श्रीमती हिमानी खन्ना, श्रीमती मिलना कुर्रे, ए.आई.जी. श्रीमती पूजा अग्रवाल उपस्थित रहे।
इन लोगों को किया गया सम्मानित :
फुलबासन यादव-महिला सशक्तिकरण, शमशाद बेगम-पिछड़े समुदाय को शिक्षित करने का कार्य, इंदिरा मिश्रा-साहित्य, नीता डूमरे-हॉकी, श्रद्धा थवाईत-साहित्य, सपना सोनी-अध्यापन, रेणुका यादव-हॉकी, प्रभा एवं रेखा जोशी-लोककला संस्कृति, प्रियंका बिस्सा-महिला सशक्तिकरण, श्रुति यादव-शूटिंग, सोनिया स्वर्णकार-मिसेज एशिया, विद्या राजपूत-तृतीय लिंग समानता, शमशाद रहमान-परिवार परामर्श, सरस्वती साहनी-मानव मृत शरीरों को विच्छेदन (पोस्टमार्टम), शिल्पा साहू-दंतेश्वरी फाइटर्स, अनुराधा-कत्थक नृत्यांगना।

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