जशपुर । दुष्कर्म के बाद महिला की हत्या करने वाले आरोपी को पुलिस ने सलाखो के पिछे पहुंचा दिया है। साक्ष्य छिपाने आरोपी ने शव को जंगल मे झाड़ियो के बीच पत्तो से ढक दिया था ताकि वह पुलिस से बच जाये परंतु पुलिस के सामने उसकी होशियारी काम नहीं आई।
उल्लेखनीय है कि रविवार रक्षा बंधन के दिन प्रार्थी दशरथ राम उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम छतौरी भंवरपाठ सन्ना थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी 30 वर्षीय बहु 07 अगस्त 2021 को निर्दोश तिर्की के यहां रोपा लगाने गई थी, रोपा लगाकर अपनी सास के साथ शाम को वापस आते समय रास्ते में ग्राम का रूबेन राम द्वारा प्रार्थी की बहु के हाथ को पकड़ लिया तथा रास्ता किनारे पटककर उसके साथ दुष्कर्म किया, घटना को उसकी सास देखी जो डर से वहां से भाग गई। दूसरे दिन प्रार्थी की पत्नी, अपनी बहु को ढूंढने गई तथा रूबेन राम के घर जाकर बहु के संबंध में पूछताछ कि तो रूबेन राम उसे अपने पास नहीं होना बताया। प्रार्थी की पत्नी द्वारा उसे ढूंढकर लाओ बोलते हुये वहां से चली गई। प्रार्थी 02 दिन बाद दूसरे गांव से आया व घर में बहु को न पाकर अपनी पत्नी से पूछने पर घटना के संबंध में उसे बताई। प्रार्थी द्वारा अपनी बहु की रिश्तेदारों, पास-पड़ोस में पता-तलाश किया गया पता नहीं चला। प्रार्थी द्वारा घटना की रिपोर्ट थाना सन्ना में करने पर गुम इंसान कायम कर जॉंच पतासाजी में लिया गया।
प्रकरण में गुम इंसान की पतासाजी दौरान ग्राम घाघरा पकरीटोली स्थित जंगल में लगभग 30 वर्षीय मृतिका का शव सड़ी-गली हालत में मिलने पर मर्ग जॉंच पंचनामा कार्यवाही में ली जाकर पहचान कार्यवाही कराकर शव का पी.एम. कराया गया। पी.एम. रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या होना पाये जाने से प्रकरण के आरोपी रूबेन राम को दबिश देकर घेराबंदी कर अभिरक्षा में लिया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा मृतिका से दुष्कर्म कर, मारपीट व गला दबाने से उसकी मृत्यू हुई है। आरोपी ने यह भी बताया कि शव को साक्ष्य छुपाने की नियत से जंगल झाड़ी के बीच घसीटकर ले जाकर साड़ी कपड़ा व डाल-पत्तों से ढक दिया। प्रकरण में आरोपी रूबेन राम कोरवा उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम छतौरी चौकी सोनक्यारी थाना सन्ना के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने से उसे आज गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
प्रकरण की विवेचना एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक दलप्रताप सिंह, स.उ.नि. जे.आर. कुर्रे, आर. 574 सुरेश राम, आर. 297 महेश मालाकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।