जशपुर । कलेक्टर महादेव कावरे ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण और नई योजना राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की पहली बैठक ली। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान करना तथा भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना है। आर्थिक अनुदान के माध्यम से भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के शुद्ध आय में वृद्धि करना है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त जिलों में वित्तीय वर्ष 2021-22 से इसे लागू किया जा रहा है। उन्होंने क्रियान्वयन एजेंसी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्तर पर आयुक्त संचालक भू-अभिलेख तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की देख रेख में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। हितग्राही परिवार की पात्रता श्रेणी में छत्तीसगढ़ का मूल-निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है वे पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि, तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा।
बैठक में बताया गया कि ऐसे परिवार जिनका ग्रामीण भूमिहीन, कृषि मजदूर परिवार के अंतर्गत चरवाहा, बढई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित, जैसे पौनी-पसारी, व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियम अन्य वर्ग भी पात्र होंगें। यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। यहां भूमिहीन कृषि मजदूर से अभिप्राय है कि ऐसा व्यक्ति जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य,कोई सदस्य कृषि भूमि को धारण नहीं करता। यहां कृषि धारण नहीं करना से आशय है कि उस परिवार के पास अंश मात्र का भी कृषि भूमि नहीं होना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि पात्र परिवारों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन करना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना के अंतर्गत अंतिम रूप से चिन्हांकित हितग्राही परिवार के मुखिया को राशि 6 हजार रुपए का अनुदान सहायता राशि प्रतिवर्ष दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हितग्राही 01 सितम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक आवेदन ग्राम पंचायत में किया जा सकता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में भूईया रिकार्ड के आधार पर ग्रामवार बी-01 तथा खसरा की प्रतिलिपि चस्पा की जाएगी। जिससे भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके। हितग्राहियों को आवश्यक दस्तावेज में आधार कार्ड, बैक पासबुक, के साथ सचिव ग्राम पंचायत के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जाना होगा। आवेदन में यथासंभव मोबाईल नंबर का उल्लेख किया जाना होगा। इस योजना के अंतर्गत निम्न श्रेणी के परिवार अपात्र होगें। नगरीय क्षेत्रों के रहवासी परिवार व्यक्ति वे व्यक्ति जो किसी संवैधानिक पद को धारण करते है। अथवा वे व्यक्ति जो केन्द्र शासन, राज्य शासन के किसी भी मंत्रालय विभाग या कार्यालय और उसके क्षेत्रीय ईकाई में कर्मचारी और अधिकारी के रूप में सेवा करना जारी रखते है या करते है अथवा सेवा निवृत्त हुए है। सेवा के अंतर्गत संविदा के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी भी शामिल है। आउट सोर्सिंग के आधार पर अथवा दैनिक वेतन के आधार पर कार्य करने वाले कर्मचारी भी निरर्हता के श्रेणी में आएंगे। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निगरानी तथा अंर्तविभागीय समन्वय हेतु राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है। साथ ही जिला स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए निगरानी तथा शिकायतों के निगरानी के लिए जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाया गया है। जिसमें कलेक्ट अध्यक्ष होगें। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को सदस्य, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख को सदस्य, उपसंचालक कृषि का सदस्य, जिला श्रम अधिकारी को सदस्य, लीड बैंक अधिकारी को सदस्य और जिला सूचना अधिकारी एनआईसी को सदस्य बनाया गया है। बैठक मे जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एस.मण्डावी, संयुक्त कलेक्टर आर.एन.पाण्डेय एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।