अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ राज्य रौनियार (गुप्ता) समाज ने रौनियार जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र बनने में हो रही समस्याओं को लेकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री थानेश्वर साहू एवं पिछड़ा वर्ग कॉंग्रेस के अध्यक्ष डॉ चौलेश्वर चंद्राकर को आज 26 दिसम्बर को अम्बिकापुर सर्किट हाउस में ज्ञापन सौंपा। जिसमें समाज के पदाधिकारियों ने बताया है कि जातिगत गणना हेतु टायर किया गए वेबसाइट “कॉन्टिफाएबल डाटा आयोग” (CGQDC) में ‘रौनियार’ की जगह ‘सैनियार’ अंकित होने से डाटा पंजीयन सफल नहीं हो पा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल इस त्रुटि के संबंध में 2 माह पूर्व ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंप चुकी है। इस क्रम में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू के अंबिकापुर प्रवास के दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य अवधेश गुप्ता के नेतृत्व में समाज के प्रदेश प्रवक्ता रामचरण गुप्ता, रौनियार दर्पण के प्रधान संपादक यतींद्र गुप्ता, वरिष्ठ समाजसेवी सुरेश गुप्ता एवं पूर्व संपादक दिलीप गुप्ता ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर ‘सैनियार’ की जगह ‘रौनियार’ अंकित कराने की मांग रखी है।
प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के अध्यक्ष श्री साहू एवं पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ चंद्राकर को ज्ञापन सौंपकर बताया है कि रौनियार समाज का जाति प्रमाण पत्र बनने में काफी समस्याएं आ रही हैं। उल्लेखनीय है सेटलमेंट रिकॉर्ड में रौनियार के साथ गुप्ता, बनिया, साव आदि लिखे होने के कारण आवेदकों के प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे। जिससे समाज के प्रतिभावान बच्चों और अभिभावकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों को शिक्षा, नौकरी, प्रतियोगी परीक्षा, छात्रवृत्ति आदि में समुचित लाभ अथवा प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है, जिससे समाज के बच्चे इन क्षेत्रों में तेजी से पिछड़ते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से सौंपे गए एक अन्य ज्ञापन में समाज ने भारत सरकार की केंद्रीय सूची में रौनियार जाति को छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से शामिल कराने की मांग रखी है। समाज ने उक्त आशय का ज्ञापन थानेश्वर साहू जी को सौंपते हुए कहा कि केंद्रीय सूची में शामिल होने से समाज के बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं, प्रतियोगिताओं, नौकरियों, छात्रवृत्ति आदि में उचित अवसर प्राप्त होगा जिससे समाज के साथ राज्य का भी विकास और प्रगति होगी।
आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू एवं पिछड़ा वर्ग कॉंग्रेस के अध्यक्ष डॉ चंद्राकर ने समाज के प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि वे उनकी मांग को आयोग एवं शासन के माध्यम से उच्च स्तर तक प्रेषित करेंगे तथा उत्पन्न विसंगतियों और समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास करेंगे।