Home छत्तीसगढ़ लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी...

लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाए : डॉ. किरणमयी नायक, “अभिव्यक्ति नारी सम्मान की” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

49
0
4 (1)
3 (2)
2 (1)
1 (1)
8 (1)
7 (1)
6 (1)
5 (1)
12 (1)
11 (1)
10 (1)
9 (1)
16 (1)
15 (1)
14 (1)
13 (1)
20 (1)
19 (1)
18 (1)
17 (1)
24
23
22
21
28
27
26
25
32
31
30
29
36
35
34
33
40
39
38
37
4 (1) 3 (2) 2 (1) 1 (1) 8 (1) 7 (1) 6 (1) 5 (1) 12 (1) 11 (1) 10 (1) 9 (1) 16 (1) 15 (1) 14 (1) 13 (1) 20 (1) 19 (1) 18 (1) 17 (1) 24 23 22 21 28 27 26 25 32 31 30 29 36 35 34 33 40 39 38 37

रायपुर । छत्तीसगढ़ पुलिस और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आज राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता एवं यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख श जोव जकारियाह के मुख्य आतिथ्य में स्थानीय होटल के सभागार में किया गया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पिछले एक वर्ष से महिला और बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण विषय पर संचालित जागरुकता कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्षभर चलाये गए अभिव्यक्ति अभियान को संकलित करते हुये एक डोजियर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ.किरणमयी नायक ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी लोगों को लैंगिक भेदभाव को दूर करने की शुरूआत अपने घरों से ही प्रारंभ करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को कभी लैंगिक भेदभाव महसूस न हो। उन्होंने कहा कि महिला दिवस केवल महिलाओं के लिये नहीं है, महिला को सशक्त एवं जागरूक करने के लिए पुरूषों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान मार्शल आर्ट ट्रेनिंग दी जानी चाहिये, ताकि आगे चलकर वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सके। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि कार्यशाला के दौरान महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए और अच्छे सुझाव प्राप्त होंगे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री हिमांशु गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन हमें एक नई दिशा प्रदान करेगी, जिससे समाज में महिलाएं और अधिक मजबूत होगी। यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जकारियाह ने महिलाओं को सशक्त एवं जागरूक करने हेतु विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में पूर्व महानिदेशक आर.के.विज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उप पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती हिमानी खन्ना द्वारा पूरे वर्षभर चलाए गए अभिव्यक्ति कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 3.5 लाख से अधिक महिलाओं और बच्चों को जागरूक करने में सफलता प्राप्त हुई है। साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा प्रारंभ किए गए अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप में 10 हजार से अधिक महिलाएं एवं युवतियों ने इसका लाभ प्राप्त किया है। अभिव्यक्ति कार्यक्रम की आगामी रूपरेखा तैयार करने के लिए देश एवं प्रदेश भर के प्रतिष्ठित ख्याती प्राप्त विशेषज्ञों को विशेष रूप से इस कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है। कार्यशाला में अपने विचार रखने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, महिलाओं, युवतियों एवं कॉलेज एवं स्कूलों के प्रोफेसर्स, शिक्षक तथा गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।
इस कार्यक्रम में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती मिलेना कुर्रे, श्रीमती पूजा अग्रवाल तथा सभी जिलों से आए राजपत्रित पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here