जशपुर । जशपुर जिले मे शिक्षको का संलग्नीकरण पिछले कई वर्षो से चल रहा है। शिक्षक संबंधित विभाग से सेटिंग कर मनचाहे संस्था मे अटैचमेंट करा लेते हैं। शिक्षको के कटैचमेंट से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चो को होता है। उनकी पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो जाती है। शासन के आदेश के बाद भी जशपुर जिले के विभिन्न स्कूलो, हास्टल मे संलग्न शिक्षको को कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश मे आया है। जशपुर जिले के बगीचा तहसील मे एक शिक्षक पिछले नौ वर्षो से स्कूल मे बच्चो को पढ़ाने के बजाय हास्टल अधीक्षक बनकर मलाई खा रहा है। पिछले नौ वर्षो मे जाहिर सी बात है अनेको विकासखंड शिक्षा अधिकारी बदले गये होंगे लेकिन यह शिक्षक सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों से सेटिंग कर लेता है। यही वजह है कि इतने वर्षो बाद भी यह शिक्षक हास्टल अधीक्षक बनकर बैठा।
हम बात कर रहे हैं शिक्षक प्रकाश तिर्की की। यह शिक्षक वर्तमान मे बगीचा तहसील के रूपसेरा भड़िया प्री मेट्रिक बालक छात्रावास मे संलग्न है। शिक्षक प्रकाश तिर्की को 4 अक्टूबर 2013 को बगीचा तहसील के पूर्व माध्यमिक शाला बहोरा मे पदस्थ किया गया था लेकिन यह शिक्षक दूसरे ही दिन 5 अक्टूबर 2013 को अपना अटैचमेंट हास्टल मे करा लिया। तब से आज पर्यन्त तक यह शिक्षक बच्चो को पढ़ाने के बजाय हास्टल मे बच्चो के भोजन व्यवस्था मे लगा हुआ है।
पिछले माह राज्य शासन ने एक आदेश निकाला है जिसमे जिला शिक्षा अधिकारियों को सपष्ट निर्देश है कि संलग्न शिक्षको को एकतरफा कार्यमुक्त कर जानकारी भेजे लेकिन जशपुर जिले मे शासन के आदेश की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। हास्टल में पदस्थ शिक्षको को मोटी कमाई होती है। उसका हिस्सा अधिकारियों तक भी पहुंचता है यही वजह है कि संबंधित अधिकारी हास्टल मे पदस्थ शिक्षको को कार्यमुक्त नहीं करते।
प्रकाश तिर्की का मूल पथस्थापना स्कूल पूर्व माध्यमिक शाला बहोरा है। इस स्कूल मे प्राथमिक स्कूल के शिक्षक को अटैच किया गया है। शासकीय प्राथमिक शाला शोभाटोली के मूल पदस्थ शिक्षक विक्रम सिंह पहाड़िया को सबसे पहले शासकीय प्राथमिक शाला पटकोना अटैच किया गया। इसके बाद पुनः इस शिक्षक को शासकीय प्राथमिक शाला पटकोना से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बहोरा मे पिछले दस दिन पहले अटैच किया गया गया है। मा. शा.बहोरा प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक एल.बी. के सहारे संचालित हो रही है । मा.शाला बहोरा में वर्तमान में एकल सहायक शिक्षक एल.बी. के सहारे 26 बच्चों को शिक्षा दिया जा रहा है। प्रति वर्ष बच्चों की दर्ज संख्या में कमी देखी जा रही है। इससे साफ प्रतीत होता है कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ की जा रही है ।इससे पालकों एवं बच्चों में आक्रोश पनप रहा है।
40 की दर्ज संख्या अब घट कर 26 हो गई है । वर्तमान में कक्षा 6वीं में 15, 7वीं में 7 और 8वीं मे 4 इस तरह कुल 26 बच्चे पूर्व माध्यमि शाला बहोरा मे अध्यनरत हैं ।
इस संबंध मे जब बगीचा विकासखंड के विकासखंड शिक्षा अधिकारी आर. एल. कोशले से उनके मोबाईल पर संपर्क कर बात की गई तो उनका जवाब गोल-मोल मिला।
