रायपुर । राजधानी में विभिन्न निजी कंपनियों में कार्यरत कर्मियों एवं अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था लचर होने के कारण षडयंत्रपूर्वक हत्याओं का दौर लगातार बढ़ते जा रहा है। युवा कर्मियों की हत्या निश्चित रूप से निजी कंपनियों की कार्यप्रणाली पर पुलिसिया जांच की दरकार रखती है। इसी कड़ी में आज हीरापुर वीर सावरकर चौक मकान नंबर एलआईजी 1582 निवासी पं. सुभाषचंद्र मिश्रा ने प्रेस क्लब रायपुर पहुंचकर अपने 22 वर्षीय पुत्र शिवम मिश्रा की मृत्यु को पुलिस प्रशासन द्वारा आत्म हत्या बताए जाने का विरोध करते हुए उसकी हत्या होने की जानकारी आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। पत्रकारवार्ता में पं. मिश्र ने कबीर नगर थाने एवं बेरला थाने के बीच उनके पुत्र के मामले को सीमा संबंधित क्षेत्र बताकर समस्या का समाधान करने में कोई रूचि नहीं दिखाई दी। पं. मिश्र के अनुसार उनका पुत्र शिवम 28 जुलाई को शाम छह बजे आफिस की सहयोगी के जन्मदिन पार्टी में कहकर घर से बाहर निकला था किंतु उक्त रात एवं द्वितीय दिवस 29 को घर नहीं लौटने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कबीर नगर थाने में दर्ज करायी गई। सत्यम मिश्रा द्वारा दर्ज करायी गई रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं होने पर एक अगस्त की सुबह सत्यम के फोन पर शिवम की लाश बाना एनिकेट के पास मिलने की जानकारी दी गई। उसकी बाइक क्रमांक सीजी 04 एनडी 9551 लावारिस हालत में पाई गई। सूचना मिलने पर कंडरका चौकी थाना बेरला द्वारा सड़ी गली लाश बरामद की गई। ताबीज से शिवम की लाश होना चिन्हित किया गया। परिवार के पहुंचने से पहले ही लाश को हत्या करार देकर दफना दिया गया जबकि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में केवल वीसरा बरामद हुआ। उक्त मामले में एसपी रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा को सूचित करने के उपरांत भी मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मृतक के मित्र जो पेंट्स रावाभाठा में कार्यरत थे अनिमेष मुखर्जी पर हत्या का संदेश जताने पर भी पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त युवक से पूछताछ नहीं करना मामले को संदिग्ध बनाता है। पं. मिश्र ने उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की मांग डीजीपी छग पुलिस एवं गृहमंत्री से की है।