जगदलपुर । बस्तर जिले के एसपी जितेन्द्र सिंह मीणा ने बताया कि लगातार गांजा तस्करी के मामले पकडक़र नक्सालियों की अर्थव्यवस्था को लगभग ध्वस्त करते हुए पुलिस ने ढाई वर्ष में 07 करोड़ रुपये से भी अधिक का गांजा बरामद कर 300 से अधिक तस्करों को सलाखों क पीछे पहुंचाकर नक्सालियों की बड़ी आमदनी पर अंकुश लगाने में कामयाब हुए है। उन्होने बताया कि ढाई वर्षो में गांजा के 163 प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसमें नगरनार पुलिस गांजा तस्करों पर कार्रवाई करने में सबसे आगे है, जहां कुल 72 प्रकरण दर्ज किये गये है।
बस्तर जिले के एसपी जितेन्द्र सिंह मीणा ने बताया कि गांजा तस्करों सहित नशीली पदार्थों की तस्करी रोकने को लेकर सूचनातंत्र अहम कड़ी होती है। उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र को मजबूत कर गांजा तस्करों पर नकेल कसने में बड़ी सफलता मिली है, 30 माह में गांजा तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न थानों में गांजा के 163 प्रकरण दर्ज कर 07 करोड़ 10 लाख से अधिक का गांजा बरामद कर 300 से भी अधिक गांजा तस्करों को हवालात भेजा जा चुका है। वर्ष 2020 में गांजा के 58 प्रकरण दर्ज किए गये जिसमें तीन करोड़ 15 लाख, वर्ष 2021 में 55 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें 02 करोड़ 66 लाख 95 हजार एवं जनवरी 2022 से 31 अगस्त तक 55 प्रकरण दर्ज कर 1 करोड़ 27 लाख 94 हजार का गांजा जप्ती की कार्रवाई की गई है।
उन्होने बताया कि सीमावर्ती राज्य उड़ीसा के मलकानगिरी इलाके में बड़े पैमाने पर गांजा की खेती की जाती है। गांजा की तस्करी से नक्सलियों की मोटी कमाई होती है। गांजा तस्करों के द्वारा गांजा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं जंगलों के रास्ते बस्तर होते हुए छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य राज्यों के नगरों और कसबों में पहुंचाया जाता रहा है। बस्तर पुलिस को नशीले पदार्थो की तस्करी रोकने के मामले में बड़ी सफलता मिली है। गांजा तस्करों से लाखों के लग्जरी वाहन भी जब्त किये गये है।
एसपी श्री मीणा ने बताया कि गांजा तस्करों के साथ अन्य नशीले पदार्थो की तस्करी में लिप्त लोगों की धरपकड़ के लिए अभियान सतत जारी रहेगा सभी थानेदारों को नशीले पदार्थो के खरीदी बिक्री एवं परिवहन पर रोक लगाने विशेष हिदायत दी गई है। गांजा तस्करी के साथ-साथ नशीली दवाएं बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिसमें टेबलेट, कैप्सूल, सीरप सहित अन्य नशीले पदार्थो के खिलाफ भी कार्यवाही की गई है।