रायपुर। प्रदेश में गैर आदिवासियों की जमीन पर उद्योगपतियों द्वारा खरीदी बिक्री का कार्य लंबे अर्से से चला आ रहा है। आदिवासी बहुल प्रदेश में जिन क्षेत्रों में आदिवासियों की बसाहट है वहां पर राजस्व प्रक्रिया संहिता की धारा 170 ख के तहत आदिवासी की जमीन सिर्फ आदिवासी ही खरीद सकता है जबकि कोरबा जिले में एवं साथ लगे रायगढ़ जिले में आदिवासियों की जमीन उद्योग पतियों द्वारा फर्जी तरीके से खरीदी की गई है। उक्त मामले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आगमन पर छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना द्वारा सौंपे गये ज्ञापन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उक्त जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री दिलीप मिरी एवं संयोजक गिरधर साहू ने संयुक्त रूप से दी। पत्रकारवार्ता में मिरी ने बताया कि जिन 23 आदिवासियों की जमीन खरीदी गई है उनका विवरण यथानुसार है। कोरबा जिला में 23 गैर-आदिवासियों का फर्जी जाति प्रमाणपत्र निलंबित। जिला कोरबा के अनुविभागीय कार्यालय (रा) से वर्ष 2013-2014 में कुल 23 लोगों द्वारा, सरकारी दस्तावेजों में कूटरचित करके अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) मुंडा उरांव का स्थाई जाति प्रमाणपत्र बनवाया गया, जो मूलत: दूसरे प्रान्त (राज्य) से है, जिनका नाम निम्न है, 1) रघुनाथ बानरा, 2 नंदलाल 3) ईश्वर एक्का, 4)रजीत लकड़ा. 5)जोरमुण्डा, 6) बुधन सिंह. 7) गवरियल 5) मोतीराम, 9) सिकुर बीड. 10)राजू 11 हिजकेल. 12) कमल, 13) शिवम उराव, 14) सिकन्दर, 15) विनोद टुडू, 16) पाण्डव होन, 17) पिताम्बर । सेनाराम. 19)जोगेदर 20) विश्वनाथ 21 ) मधुरा 22 कुवर माझी 23)राम तिकी है। और एसीबी (आर्यन कोल बेनिफिसन) कंपनी में मजदूरी कर रहे हैं और उक्त 23 लोगो के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीन जिला कोरबा के अनुविभागीय क्षेेत्र कटघोरा के ग्राम दीपका, चाकाबुडा, बतारी,देगॉव,कसाईपाली, देवरी,बिंझरी व अन्य गाँवों में व अनुविभागीय छेत्र पाली के ग्राम बांधाखार,नोनबिर्रा, नुनेरा, रतिजा, रेकी, व अन्य गाँवों में खरीदी किया गया, साथ ही रायगढ़ जिला के अनुविभागीय क्षेत्र घरघोड़ा के ग्राम फ गुरम व अन्य गाँवों में जमीन खरीदी की गयी है, देखा गया है कि जहाँ जहाँ एसीबी (आर्यन कोल बेनिफिसन) का पॉवर प्लांट या कोल वासरी स्थापित है, उन्ही क्षेत्रों में बहुतायत मात्रा में अवैधानिक तरीके से जमीन कंपनी प्रबंधन ने खरीदी है।