रायपुर । मौसम चक्र में परिवर्तन के तहत 365 दिनों में 23 सितंबर का दिन विशेष मायने रखता है। खगोल शास्त्रियों के अनुसार 23 सितंबर वह दिवस है जब सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए ऐसे स्थान पर पहुंचता है जब दिन और रात 12-12 घंटे के होते हैं। 24 सितंबर से शास्त्रोक्त के मान्यता के अनुसार दिन घटने शुरू होते हैं और रातें लंबी होती है। यह सिलसिला 24 सितंबर से नये वर्ष में मकर रेखा के मध्य में सूर्य पहुंचने पर मकर संक्रांति के दिन समाप्त होता है। मकर संक्रांति के बाद ही दिन बढऩे और रातें छोटी होना शुरू होती है। पृथ्वी के इस अजूबे परिवर्तन से पूर्वी देशों में भारत पर सबसे ज्यादा असर होता है जबकि अन्य भूमध्य रेखा के इर्दगिर्द देशों पर मौसम के उक्त परिवर्तन का आंशिक असर देखा गया है।